[ad_1]
Shardiya Navratri 2nd Day Puja: इस साल शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर को हुआ है और पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन होता है. वहीं दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है और उनका पूजन भी बड़े ही विधि विधान के साथ कुछ नियमों का पालन करते हुए किया जाता है.
आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है. दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है धर्म शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराज्ञ्य की देवी माना जाता है. मां दुर्गा के इस स्वरूप में उनके एक हाथ में जप की माता और दूसरे हाथ में कमण्डल है. यह मान्यता है कि देवी इन नौ दिनों में पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं, इसलिए नवरात्रि माता भगवती की साधना का श्रेष्ठ समय होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है जो भक्तों को सुख-सौभाग्य और शौर्य प्रदान करती हैं.
मान्यता है इन चीजों का भोग लगाने से मां ब्रह्मचारिणी प्रसन्न होती हैं. यहां देखें ब्रह्मचारिणी माता की आरती
ब्रह्मचारिणी माता की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता
ब्रह्मा जी के मन भाती हो, ज्ञान सभी को सिखलाती हो
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा, जिसको जपे सकल संसारा
जय गायत्री वेद की माता, जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता
कमी कोई रहने न पाए, कोई भी दुख सहने न पाए
उसकी विरति रहे ठिकाने, जो तेरी महिमा को जाने
रुद्राक्ष की माला ले कर, जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर
आलस छोड़ करे गुणगाना, मां तुम उसको सुख पहुंचाना
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम, पूर्ण करो सब मेरे काम
भक्त तेरे चरणों का पुजारी, रखना लाज मेरी महतारी
[ad_2]
Source link