Shimla: नकली दवा माफिया के नेटवर्क को तोड़ने के लिए हिमाचल सरकार ने कसी कमर, उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

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नकली दवाएं(सांकेतिक)

नकली दवाएं(सांकेतिक)
– फोटो : सोशल मीडिया

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नकली दवाओं के निर्माण पर लगाम लगाने के मकसद से हिमाचल प्रदेश सरकार ने दवा माफिया के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने राज्य में नकली दवाओं के निर्माण और व्यापार को खत्म करने के लिए एक तंत्र तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। पूरे देश में फैले नकली दवा बनाने वाले माफिया के नेटवर्क को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन साल पुराने आदेश सहित सभी कानूनों को लागू किया जाएगा। इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए अन्य सभी राज्यों को शामिल किया जाएगा।

प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव नीरज कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हिमाचल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नकली दवा माफिया के नेटवर्क को तोड़ने की इस कवायद को शुरू करने वाले देश का पहला राज्य है। कहा कि यह नेटवर्क देश के कई अन्य राज्यों में फैला हुआ है और हमने उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रग विभाग को भी इस कवायद में सहयोग करने के लिए कहा है।  साथ ही सेंट्रल ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी को इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए सूचित किया है, जो दुनिया भर में कई लोगों की जान ले रहा है।

कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हिमाचल सहित पूरे देश में नकली दवाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ये नकली दवाएं पहले भी कई लोगों की जान ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम नकली और घटिया दवाओं के निर्माण के खतरे को भांपते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस जानलेवा अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए एक तंत्र तैयार करने को कहा है। पिछले महीने देश के फार्मास्युटिकल हब हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में अवैध दवा बनाने के तीन मामलों का पता चला था।

निरज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेशों के बाद, प्रदेश सरकार ने नकली दवा निर्माण के इस खतरे को खत्म करने के लिए फार्मा क्षेत्र और अन्य एजेंसियों के पेशेवरों को साथ लेकर विशेष टीमों का गठन किया है। इनमें से एक विशेष टीम ने हाल ही में बद्दी क्षेत्र में चार लोगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो नकली दवा बनाकर देश के अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ये लोग कई राज्यों में नकली दवाओं का नेटवर्क चलाते हैं।अधिकारी ने कहा कि उन्हें रिमांड पर लिया जा रहा है और ड्रग माफिया के नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जांच की जा रही है। 

विस्तार

नकली दवाओं के निर्माण पर लगाम लगाने के मकसद से हिमाचल प्रदेश सरकार ने दवा माफिया के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने राज्य में नकली दवाओं के निर्माण और व्यापार को खत्म करने के लिए एक तंत्र तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। पूरे देश में फैले नकली दवा बनाने वाले माफिया के नेटवर्क को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन साल पुराने आदेश सहित सभी कानूनों को लागू किया जाएगा। इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए अन्य सभी राज्यों को शामिल किया जाएगा।

प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव नीरज कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हिमाचल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नकली दवा माफिया के नेटवर्क को तोड़ने की इस कवायद को शुरू करने वाले देश का पहला राज्य है। कहा कि यह नेटवर्क देश के कई अन्य राज्यों में फैला हुआ है और हमने उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रग विभाग को भी इस कवायद में सहयोग करने के लिए कहा है।  साथ ही सेंट्रल ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी को इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए सूचित किया है, जो दुनिया भर में कई लोगों की जान ले रहा है।

कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हिमाचल सहित पूरे देश में नकली दवाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ये नकली दवाएं पहले भी कई लोगों की जान ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम नकली और घटिया दवाओं के निर्माण के खतरे को भांपते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस जानलेवा अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए एक तंत्र तैयार करने को कहा है। पिछले महीने देश के फार्मास्युटिकल हब हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में अवैध दवा बनाने के तीन मामलों का पता चला था।

निरज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेशों के बाद, प्रदेश सरकार ने नकली दवा निर्माण के इस खतरे को खत्म करने के लिए फार्मा क्षेत्र और अन्य एजेंसियों के पेशेवरों को साथ लेकर विशेष टीमों का गठन किया है। इनमें से एक विशेष टीम ने हाल ही में बद्दी क्षेत्र में चार लोगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो नकली दवा बनाकर देश के अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ये लोग कई राज्यों में नकली दवाओं का नेटवर्क चलाते हैं।अधिकारी ने कहा कि उन्हें रिमांड पर लिया जा रहा है और ड्रग माफिया के नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जांच की जा रही है। 



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