Shimla: शहर में गमले लगाने के प्रोजेक्ट में घपले के अंदेशे पर जांच शुरू

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– फोटो : फाइल फोटो

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 राजधानी के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट (गमले लगाने) में घपले के अंदेशे के बाद इसकी जांच शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने लोक निर्माण विभाग से इस प्रोजेक्ट का पूरा रिकॉर्ड मांगा था। अब यह रिकॉर्ड स्मार्ट सिटी प्रबंधन के पास पहुंच गया है। प्रबंधन ने अपने स्तर पर इसकी जांच शुरू कर दी है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन का कहना है कि इस रिकॉर्ड और मौके पर लगाए गमलों को देखने के बाद ही प्रोजेक्ट का पैसा जारी होगा।

शहर में प्रोजेक्ट के लिए चिह्नत की गई जगहों और दीवारों पर कितने गमले लगे हैं इसके लिए स्मार्ट सिटी की फील्ड की टीमों ने निरीक्षण शुरू कर दिया है। सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं को रिकॉर्ड के अनुसार गमलों की जांच करने को कहा है। स्मार्ट सिटी के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत शहर में चौड़ी की गईं सड़कों की दीवारों पर फूलों और सजावटी पौधों के गमले लगाने की योजना बनाई थी। इसका मकसद कंकरीट की बनीं दीवारों को हरा भरा करना था।

लोक निर्माण विभाग के हार्टीकल्चर डिवीजन को इसका जिम्मा सौंपा था। विभाग ने करीब 87 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के सर्कुलर रोड, मालरोड समेत कई जगहों पर 1200 से ज्यादा फाइबर गमले लगाए हैं। इससे शहर की दीवारें तो संवर गई लेकिन प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की शिकायतें स्मार्ट सिटी प्रबंधन के पास पहुंच गई। विभाग का कहना है कि टेंडर के अनुसार ही काम हुआ है। गड़बड़ी की शिकायतें गलत है। पैसा न मिलने से रखरखाव नहीं हो रहा जिससे ज्यादातर पौधे सूख रहे हैं।

प्रोजेक्ट पर उठाए हैं यह सवाल
आरोप है कि चिह्नत जगहों की बजाय कई ऐसी जगह भी गमले लगाए गए जो टेंडर में नहीं थे। फूलों और पौधों का रखरखाव सही नहीं हुआ। इनकी खरीद पर भी सवाल उठे हैं। इन्हीं सारी शिकायतों के बाद प्रबंधन पैसा रोकते हुए जांच करवा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक ब्रह्मप्रकाश ने कहा कि सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। अभी पैसा जारी नहीं किया है।

वेरिफिकेशन के बाद ही देंगे पैसा
लोक निर्माण विभाग से प्रोजेक्ट का रिकॉर्ड मिल गया है। अब इसकी वेरिफिकेशन की जा रही है। इसके सही पाए जाने के बाद ही प्रोजेक्ट का पैसा जारी करने को लेकर फैसला लिया जाएगा।
-मनमोहन शर्मा, प्रबंध निदेशक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

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 राजधानी के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट (गमले लगाने) में घपले के अंदेशे के बाद इसकी जांच शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने लोक निर्माण विभाग से इस प्रोजेक्ट का पूरा रिकॉर्ड मांगा था। अब यह रिकॉर्ड स्मार्ट सिटी प्रबंधन के पास पहुंच गया है। प्रबंधन ने अपने स्तर पर इसकी जांच शुरू कर दी है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन का कहना है कि इस रिकॉर्ड और मौके पर लगाए गमलों को देखने के बाद ही प्रोजेक्ट का पैसा जारी होगा।

शहर में प्रोजेक्ट के लिए चिह्नत की गई जगहों और दीवारों पर कितने गमले लगे हैं इसके लिए स्मार्ट सिटी की फील्ड की टीमों ने निरीक्षण शुरू कर दिया है। सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं को रिकॉर्ड के अनुसार गमलों की जांच करने को कहा है। स्मार्ट सिटी के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत शहर में चौड़ी की गईं सड़कों की दीवारों पर फूलों और सजावटी पौधों के गमले लगाने की योजना बनाई थी। इसका मकसद कंकरीट की बनीं दीवारों को हरा भरा करना था।

लोक निर्माण विभाग के हार्टीकल्चर डिवीजन को इसका जिम्मा सौंपा था। विभाग ने करीब 87 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के सर्कुलर रोड, मालरोड समेत कई जगहों पर 1200 से ज्यादा फाइबर गमले लगाए हैं। इससे शहर की दीवारें तो संवर गई लेकिन प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की शिकायतें स्मार्ट सिटी प्रबंधन के पास पहुंच गई। विभाग का कहना है कि टेंडर के अनुसार ही काम हुआ है। गड़बड़ी की शिकायतें गलत है। पैसा न मिलने से रखरखाव नहीं हो रहा जिससे ज्यादातर पौधे सूख रहे हैं।

प्रोजेक्ट पर उठाए हैं यह सवाल

आरोप है कि चिह्नत जगहों की बजाय कई ऐसी जगह भी गमले लगाए गए जो टेंडर में नहीं थे। फूलों और पौधों का रखरखाव सही नहीं हुआ। इनकी खरीद पर भी सवाल उठे हैं। इन्हीं सारी शिकायतों के बाद प्रबंधन पैसा रोकते हुए जांच करवा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक ब्रह्मप्रकाश ने कहा कि सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। अभी पैसा जारी नहीं किया है।

वेरिफिकेशन के बाद ही देंगे पैसा

लोक निर्माण विभाग से प्रोजेक्ट का रिकॉर्ड मिल गया है। अब इसकी वेरिफिकेशन की जा रही है। इसके सही पाए जाने के बाद ही प्रोजेक्ट का पैसा जारी करने को लेकर फैसला लिया जाएगा।

-मनमोहन शर्मा, प्रबंध निदेशक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट



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