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स्क्रब टाइफस (सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में स्क्रब टायफस पीड़ित मरीजों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। आईजीएमसी में शुक्रवार को ठियोग के रहने वाले 49 साल के एक व्यक्ति की स्क्रब टायफस से मौत हो गई। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि अब तक अस्पताल में इस बीमारी से दस लोगों की मौत हो चुकी है।
आईजीएमसी में शुक्रवार को भारी संख्या में स्क्रब टायफस के लक्षणों को लेकर मरीज उपचार के लिए आए थे। ओपीडी में जांच के बाद चिकित्सकों ने 30 मरीजों के सैंपलों की जांच करवाई। इसमें 15 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा अस्पताल में आठ से दस मरीजों का चिकित्सकों की निगरानी में उपचार चल रहा है। अस्पताल में अब तक 1087 स्क्रब टायफस के सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें 337 मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं।
लगातार बढ़ते मामलों के चलते चिकित्सकों ने लोगों को हिदायत दी है कि खेतों में जब काम करते हैं तो हाथ पैर ढांपकर रखें। वहीं जिन लोगों को बुखार आदि है वह अस्पताल में जाकर चेकअप करवाएं। आईजीएमसी में गनीमत रही कि शुक्रवार को हेपेटाइटिस ए और ई का कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं आया है। हालांकि कुल 255 सैंपलों की जांच की गई है। जिनमें कि हेपेटाइटिस ए के 96 और ई के 10 मामले अब तक पॉजिटिव आए चुके है।
स्क्रब टायफस रोग से ऐसे करें बचाव
– तेज बुखार 104 से 105 तक आ सकता है।
– जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना।
– शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना।
– अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आती है।
रोकथाम
– शरीर में सफाई का ध्यान रखें।
– घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें।
– घर के चारों ओर घास, खरपतवार नहीं उगने दें।
– घर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
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