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जेओए आईटी का परिणाम नहीं निकलने पर भड़के अभ्यर्थी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जोओए) आईटी और कला शिक्षक भर्ती का परिणाम जारी नहीं होने पर अभ्यर्थी भड़क गए हैं। शुक्रवार सुबह सचिवालय के समीप अभ्यर्थियों ने अभिभावकों के साथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। परिणाम जल्द जारी नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी। पोस्ट कोड 817 और 980 के अभ्यर्थी बीते लंबे समय से परीक्षा परिणाम जारी होने के इंतजार में हैं। अभ्यर्थियों ने सरकार से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देशानुसार चयनित अभ्यर्थियों को सशर्त नियुक्तियां देने का आग्रह किया है। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले अभ्यर्थियों ने छोटा शिमला में सड़क किनारे खड़े होकर प्रदर्शन किया।
इसी मार्ग से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और अन्य मंत्रियों को होकर सचिवालय जाना था। काफी अधिक संख्या में अभ्यर्थी और अभिभावक जुटने पर पुलिस की सांसें फूल गईं। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। पुलिस कर्मियों ने मुख्यमंत्री के काफिले को सुरक्षित गुजारने के लिए एक-दूसरे का हाथ पकड़कर अभ्यर्थियों को दूर रखा। उधर, अभ्यर्थियों ने जेओए आईटी-817 और कला शिक्षक पोस्ट कोड 980 के अंतिम रिजल्ट को घोषित कर 31 मार्च 2024 से पहले इन पदों पर नियुक्ति देने की सरकार से मांग उठाई है।
डेढ़ साल से कर रहे रिजल्ट का इंतजार
अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने वर्ष 2020-21 में पोस्ट कोड-817 जेओए आईटी के 1,867 पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। प्रदेशभर से करीब एक लाख युवाओं ने इन पदों के लिए आवेदन किया। आवेदन करने के बाद आयोग ने 21 मार्च 2021 को लिखित परीक्षा ली। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयोग ने पहले एक फरवरी से 24 फरवरी 2022 और उसके बाद दो मार्च और 22 जून 2022 को स्किल टेस्ट भी करवाया। लिखित और स्किल टेस्ट में उत्तीर्ण 4,335 अभ्यर्थियों के लिए एक अगस्त से 31 अगस्त 2022 तक 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा करवाई गई। इसके बावजूद अभी तक अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया गया।
सीएम ने 60 दिन में फैसला लेने का दिया था आश्वासन
युवाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 60 दिन के भीतर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। अब इतने अधिक दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार निर्णय नहीं ले पाई है। इसके चलते अभ्यर्थियों को मानसिक परेशानी से जूझना पड़ रहा है। कई अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं। कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी समेत घर पर दिन रात एक कर परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को समय पर नौकरियां नहीं मिल रहीं। युवाओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चंद अभ्यर्थियों की गलती के कारण पूरे चयन आयोग को भंग कर दिया है। यह तर्कसंगत नहीं है। युवाओं ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सशर्त नियुक्तियां दी जानी चाहिए।
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