Shimla News: नए साल के लिए टल सकता है सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार

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हिमाचल प्रदेश की नई सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अगले साल के लिए भी टल सकता है। यह साल एक हफ्ते बाद शुरू होने जा रहा है। नए वर्ष 2023 में विधानसभा का शीत सत्र 4 जनवरी के बाद बुलाया जा सकता है। यह पहले 22 दिसंबर से प्रस्तावित था, मगर इसे मुख्यमंत्री के कोविड पॉजिटिव आने के बाद आगे टाला गया है।  प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अभी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ही शपथ ली है। अभी मंत्री तय नहीं हो पाए हैं। इसके लिए क्षेत्रीय, जातीय और तमाम तरह के संतुलन साधे जा रहे हैं।

नए मंत्रियों के बनने के बाद अन्य विधायक नाराज न हों, यह समीकरण भी बैठाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले आगामी दिनों में कोविड संक्रमण के बाद क्वारंटीन अवधि से वापस आने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार चाह रहे थे, मगर अब उन्होंने तय किया है कि इसे शीत सत्र के बाद ही किया जाएगा। शीत सत्र चार जनवरी के बाद ही संभावित है। उससे पूर्व 31 दिसंबर तक पर्यटन सीजन के चलते भी इसे करवाना वाजिब नहीं माना जा रहा है। 25 दिसंबर के बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी गोवा जा रहे हैं। वह भी इस साल के अंतिम दिनों में ही लौटेंगे। ऐसी तमाम वजहों से मंत्रिमंडल विस्तार अगले वर्ष के पहले या दूसरे सप्ताह के लिए टाला जा सकता है। 

24 दिसंबर को भी शपथ ग्रहण समारोह होने की रही चर्चा 
गुरुवार को यह भी चर्चा रही कि शपथ ग्रहण समारोह 24 दिसंबर को भी हो सकता है। ऐसे संकेत मिलने के बाद अधिकारियों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। हालांकि, बाद इस संबंध में असमंजस ही बना रहा। 

विस्तार

हिमाचल प्रदेश की नई सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अगले साल के लिए भी टल सकता है। यह साल एक हफ्ते बाद शुरू होने जा रहा है। नए वर्ष 2023 में विधानसभा का शीत सत्र 4 जनवरी के बाद बुलाया जा सकता है। यह पहले 22 दिसंबर से प्रस्तावित था, मगर इसे मुख्यमंत्री के कोविड पॉजिटिव आने के बाद आगे टाला गया है।  प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अभी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ही शपथ ली है। अभी मंत्री तय नहीं हो पाए हैं। इसके लिए क्षेत्रीय, जातीय और तमाम तरह के संतुलन साधे जा रहे हैं।

नए मंत्रियों के बनने के बाद अन्य विधायक नाराज न हों, यह समीकरण भी बैठाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले आगामी दिनों में कोविड संक्रमण के बाद क्वारंटीन अवधि से वापस आने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार चाह रहे थे, मगर अब उन्होंने तय किया है कि इसे शीत सत्र के बाद ही किया जाएगा। शीत सत्र चार जनवरी के बाद ही संभावित है। उससे पूर्व 31 दिसंबर तक पर्यटन सीजन के चलते भी इसे करवाना वाजिब नहीं माना जा रहा है। 25 दिसंबर के बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी गोवा जा रहे हैं। वह भी इस साल के अंतिम दिनों में ही लौटेंगे। ऐसी तमाम वजहों से मंत्रिमंडल विस्तार अगले वर्ष के पहले या दूसरे सप्ताह के लिए टाला जा सकता है। 

24 दिसंबर को भी शपथ ग्रहण समारोह होने की रही चर्चा 

गुरुवार को यह भी चर्चा रही कि शपथ ग्रहण समारोह 24 दिसंबर को भी हो सकता है। ऐसे संकेत मिलने के बाद अधिकारियों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। हालांकि, बाद इस संबंध में असमंजस ही बना रहा। 



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