[ad_1]

पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली
– फोटो : संवाद
विस्तार
प्राकृतिक आपदा में विशेष राहत पैकेज जारी करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। केंद्र से आपदा राहत पैकेज की राशि जारी न होने पर सुक्खू सरकार 4 हजार 500 करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई है। यह बात पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान ढह गए हैं उन्हें सात लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। क्षतिग्रस्त मकान मालिकों को एक लाख रुपये जबकि क्षतिग्रस्त दुकानें और ढाबा मालिक को भी एक लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में आपदा राहत पैकेज को लेकर सिंगल एजेंडे को पास किया गया। विपक्ष का इसमें कोई सहयोग नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से लाए आपदा राहत पैकेज में पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाई है। विशेष राहत पैकेज में गरीबों के साथ हर वर्ग के लिए राहत दी गई है। प्राकृतिक आपदा के दौरान पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ। अब पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट रहा है। पर्यटन को विकसित करने को जिला स्तर पर पर्यटन उत्सवों का आयोजन होगा। इसमें स्कूल और कालेजों के साथ परंपरागत संस्कृति को शामिल किया जाएगा। प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
बाली ने कहा कि मुआवजा राशि में 25 गुना तक की बढ़ोतरी की है। आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार 4500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसमें से 750 करोड़ विशेष राहत पैकेज तथा 1000 करोड़ रुपये मनरेगा के तहत व्यय किये जाएंगे। राज्य बजट से 1850 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के लिए मिलने वाले एक लाख 30 हजार रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर 7 लाख किया है। जिन लोगों ने ऋण लिया है और आपदा के कारण उनकी आजीविका प्रभावित हुई है, ऐसे परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए उनके ऋण का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है।
पर्यटन निगम की बसें वैट लीजिंग पर देने पर हो रहा विचार
पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन न मिलने पर बाली ने कहा कि पर्यटन विकास निगम का ट्रांसपोर्ट विंग घाटे में चल रहा है। ऐसे में निगम की बसों को वैट लीजिंग या फिर उन्हीं कर्मचारियों को दिए जाने पर भी विचार हो रहा है। जिनको वेतन नहीं मिला है उनकी संख्या कम है।
[ad_2]
Source link