Shiv ji Ki Aarti: प्रदोष व्रत पूजा के बाद जरूर करें महादेव की आरती, बनेंगे आपके सभी बिगड़े काम

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आज प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत पितृ पक्ष के दौरान पड़ता है, जिनका ध्यान रखा जाए तो साधक को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत पूजा के बाद भगवान शिव की जरूर आरती करनी चाहिए. प्रदोष व्रत पूजा के बाद महादेव की आरती करने से आपके बिगड़े काम बन जाते है. मान्यता है कि भगवान शिव शंकर की आरती करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

भगवान शिव की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥

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