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पैदल चलने के लिए रास्ता बनाते क्यारी के ग्रामीण।
– फोटो : संवाद
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एक ओर जहां पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं सिरमौर जिले की छछेती पंचायत के आधा दर्जन गांवों के लोगों के लिए बरसात के तीन महीने काले पानी की सजा से कम नहीं हैं। लोगों को मौसम खुलने के बाद स्वयं ही रास्ते बनाने पड़ रहे हैं। दरअसल छछेती पंचायत के क्यारी, डाडुवा, खाली आछोण, काईला के पांच दर्जन परिवार इन दिनों मुश्किल में जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं।
ग्रामीण मदन शर्मा, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, राकेश कुमार ने बताया कि गिरी नदी के बहाव के साथ खाली आछोण से क्यारी तक एंबुलेंस सड़क और पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। विभाग व प्रशासन की ओर से अभी तक इनकी मरम्मत नहीं करवाई गई है। यहां तक कि अपने लिए पैदल रास्ता खुद बनाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। कुछ बच्चे शड़ियार स्कूल पढ़ते हैं, जो गिरी नदी के दूसरे छोर पर है। कुछ बच्चे कुडला खरक, खाली आछोण में पढ़ते हैं, जिन्हें रिश्तेदारो के यहां छोड़ रखा है। 10 मिनट का सफर दो घंटे में जंगल के रास्ते से करना पड़ रहा है। सतौन पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।
राजनीतिक नुमाइंदे व नेता पांच साल में आते हैं और एक फुटब्रिज की घोषणा करके चले जाते हैं। जबकि फुट ब्रिज आज तक नहीं बन पाया है। रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय कुमार ने बताया कि गिरी नदी में फुटब्रिज नहीं बन सकता। चांदनी से पुल बनाने के लिए विधायक प्राथमिकता में डाला गया है। खाली अछोण से नाड़ी तक सड़क बनाने को लेकर भी तैयारी की जा रही है।
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