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शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने काला बिल्ला लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया
– फोटो : अमर उजाला
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सीतामढ़ी में एक तरफ जहां सभी लोगों ने राखी का त्योहार मनाया तो दूसरी तरफ सीतामढ़ी के सरकारी शिक्षक और शिक्षिकाओं ने काला बिल्ला लगाकर सरकार के प्रति विरोध प्रदर्शन किया। जिले के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं रोष देखने को मिला। गुरुवार को शिक्षा विभाग के ने छुट्टी रद्द कर दी, लेकिन बच्चे स्कूल नही पहुंचे। पूरा स्कूल परिसर बच्चों के बिना वीरान रहा। वहीं, दूसरी तरफ शिक्षक और शिक्षिका काला बिल्ला लगाकर स्कूल परिसर में उपस्थित रहें। कुछ स्कूल के प्रधान तो बिना उपस्थिति के ही हाजिरी बना दिए। कुछ जगह पर बच्चों के नहीं आने पर एमडीएम की लिस्ट को शून्य पर बनाकर भेजा गया।
बिहार सरकार ने रक्षाबंधन समेत 23 छुट्टियों को कम करके 11 कर दी है। तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी रद्द करने के साथ साथ नवरात्र और दिवाली, छठ की छुट्टियों में कटौती की गई हैं। जिसको लेकर सीतामढ़ी समेत अन्य सरकारी शिक्षक और शिक्षिका आक्रोश में है। जहां शिक्षक संघ ने अल्टीमेटम दिया हैं। वहीं, दर्जनों स्कूलों में विरोध जताया जा रहा है। शिक्षको का कहना है कि पहली छुट्टी रद्द की गई, इसका क्या असर हुआ, एक भी बच्चा स्कूल नही आया। बिहार सरकार सिर्फ शिक्षकों को टारगेट कर रही है।
अगर यही हाल रहा तो आगामी चुनाव में सरकार को दिखा देंगे। शिक्षकों ने कहा कि अगर इस तुगलगी फरमान को वापस नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव में इसका बदला ले लेंगे। आज अन्य लोगों जहां उत्साह के साथ त्योहार मनाया हैं। वही, शिक्षक समाज अपने बच्चो और परिवार से दूर रहे है। शिक्षकों के खुशी को सरकार ने गम में बदलने के काम किया है। शिक्षकों ने सरकार को खुली चुनौती दी है कि इस फरमान को बदल कर शिक्षको की खुशी वापस लौटा दें वरना, शिक्षक इसका बदला लेंगे।
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