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जवान का शव पहुंचा गांव
– फोटो : अमर उजाला
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सीआरपीएफ के जवान की छत्तीसगढ़ में ड्यूटी करने के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। जवान छत्तीसगढ़ के सुकमा में एएसआई के पद पर तैनात थे। मौत के बाद सोमवार को एएसआई राकेश कुमार का शव तिरंगे में लिपटा सैनिक वाहन से सोमवार उनके पैतृक गांव गुठनी के विसुनपुरा पहुंचा। शव पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। एक ओर जहां परिजनों के विलाप से वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गईं। वहीं, दूसरी तरफ नवयुवकों के भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे नारों से गांव गूंज उठा।
सीवान जिले के छोटे से गांव गुठनी के सोहगरा पंचायत के विसुनपुरा गांव निवासी सूर्यनारायण के पुत्र राकेश ने 2016 में सीआरपीएफ की नौकरी जॉइन की थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सुकमा कैंप में तैनात थे। सुकमा में ड्यूटी से वापस आकर खेल के मैदान में राकेश बैडमिंटन खेलने लगे और उसी दौरान अचानक गिर पड़े। साथ ही खेल रहे तथा कैंप के अन्य जवानों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। लेकिन कुछ देर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर से सीआरपीएफ अधिकारी अमृत कुमार सिंह के नेतृत्व में आई जवानों की टीम ने एएसआई राकेश के शव को सैनिक सम्मान के साथ परिजनों को सौंपा। इस मौके पर गुठनी थानाध्यक्ष रामबालक यादव, सीओ शम्भूनाथ राम भी मौजूद रहे। शव यात्रा विसुनपुरा गांव से आरंभ हुआ तो दर्जनों वाहन के साथ सैकड़ों लोग राष्ट्र प्रेम के नारों के साथ चलते हुए ग्यासपुर स्थित सरयू नदी तट पहुंचकर अंतिम संस्कार के साक्षी बए।
सरयू नदी तट पर राकेश को सैनिक व नागरिक सम्मान दिया गया। सेना के जवानों द्वारा सलामी दी गई और उनके पिता इंडियन नेवी के सेवानिवृत्त सीपीओ सूर्यनारायण तथा सात वर्षीय पुत्र ऋषभ को तिरंगा सौंपा। राकेश के दो संतान हैं, जिनमें नौ वर्ष की बेटी अंशिका तथा सात वर्ष का पुत्र ऋषभ है। पत्नी अलका और माता पानमती देवी का रोने विलापने से हालात खराब हो गई। ऋषभ ने ही सरयू नदी तट पर अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के मौके पर गुठनी थानाध्यक्ष रामबालक यादव, क्षेत्रीय मुखिया रणजीत कुशवाहा, सरपंच विजय पाल सहित कई अन्य प्रमुख लोगों उन्हें माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दिए।
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