SKUAST Jammu: किसान विनोद ने तैयार किया लेमनग्रास का तेल, स्टाल पर भारी भीड़

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Kisan Mela Jammu

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– फोटो : अमर उजाला

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जम्मू में कृषि मेले में किसान विनोद कुमार के स्टाल पर भी काफी भीड़ है। लैमग्रास का तेल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पौनी (रियासी) के विनोद कुमार ने कहा कि उन्होंने बंदरों के आंतक के कारण खेतों में फसलें उगाना बंद कर दी थीं। 2018 में आईआईआईएम-सीएसआईआर के संपर्क में आए। यहां पर उन्होंने लेमनग्रास तेल बनाने का प्रशिक्षण लिया। 

लेमनग्रास के पौधों को बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने संस्थान से लेमनग्रास से तेल निकालने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद पौधे खरीदे। 2019 में एक हेक्टेयर भूमि में पौधे रोपे गए। 2021 में पौधे तैयार हो गए। इसके बाद लेमनग्रास के लिए मशीनरी खरीदी और तेल निकालना शुरू किया। एक साल में तीन बार फसल तैयार होती है। तीनों ही बार छह से सात किलो तेल निकलता है। प्रति किलो 50 हजार रुपये कीमत है। 

तेल हाथो हाथ बिक गया। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनियों में अपने उत्पाद को बेचना शुरू किया। इससे कमाई और बढ़ गई। अब शेष बची भूमि में भी लेमनग्रास उगाने के लिए पौधों का ऑर्डर दिया है। किसान विनोद कुमार ने कहा कि हर साल खर्चा निकालकर आठ से दस लाख रुपये बच जाते हैं। काम करने का मजा आ रहा है।

दर्द से राहत देता है तेल
लेमनग्रास तेल आयरन और विटामिन बी कांप्लेक्स से भरपूर है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन सबसे ज्यादा होता है। दर्द से राहत, बुखार, नर्वस सिस्टम को ठीक करने में सहायता करता है।

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जम्मू में कृषि मेले में किसान विनोद कुमार के स्टाल पर भी काफी भीड़ है। लैमग्रास का तेल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पौनी (रियासी) के विनोद कुमार ने कहा कि उन्होंने बंदरों के आंतक के कारण खेतों में फसलें उगाना बंद कर दी थीं। 2018 में आईआईआईएम-सीएसआईआर के संपर्क में आए। यहां पर उन्होंने लेमनग्रास तेल बनाने का प्रशिक्षण लिया। 

लेमनग्रास के पौधों को बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने संस्थान से लेमनग्रास से तेल निकालने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद पौधे खरीदे। 2019 में एक हेक्टेयर भूमि में पौधे रोपे गए। 2021 में पौधे तैयार हो गए। इसके बाद लेमनग्रास के लिए मशीनरी खरीदी और तेल निकालना शुरू किया। एक साल में तीन बार फसल तैयार होती है। तीनों ही बार छह से सात किलो तेल निकलता है। प्रति किलो 50 हजार रुपये कीमत है। 

तेल हाथो हाथ बिक गया। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनियों में अपने उत्पाद को बेचना शुरू किया। इससे कमाई और बढ़ गई। अब शेष बची भूमि में भी लेमनग्रास उगाने के लिए पौधों का ऑर्डर दिया है। किसान विनोद कुमार ने कहा कि हर साल खर्चा निकालकर आठ से दस लाख रुपये बच जाते हैं। काम करने का मजा आ रहा है।

दर्द से राहत देता है तेल

लेमनग्रास तेल आयरन और विटामिन बी कांप्लेक्स से भरपूर है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन सबसे ज्यादा होता है। दर्द से राहत, बुखार, नर्वस सिस्टम को ठीक करने में सहायता करता है।



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