[ad_1]
Sofa Car Anand Mahindra: भारत के दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहते हैं. वे अपने सोशल मीडिया के प्रमुख मंच ‘एक्स’ (पुराना ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर लाजवाब, अनोखे, मजाकिया प्रेरक और ज्ञानवर्धक पोस्ट करते रहते हैं. ट्विटर पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के करीब 10.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं. हाल ही में उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो को शेयर किया है, जिसमें दो प्रतिभाशाली इंजीनियर युवक दिखाई दे रहे हैं. इन दोनों ने एक रिक्लाइनर सोफे को कार के रूप में तब्दील कर दिया. हालांकि, यह वीडियो तीन साल पुराना है, लेकिन पारंपरिक सोफे को मोटर से चलाने लायक सोफा-कार के रूप में बदलाव को देखकर अचंभा होता है.
Just a fun project? Yes, but look at the passion and engineering effort that went into it. If a country has to become a giant in automobiles, it needs many such ‘garage’ inventors…
Happy driving kids, and I’d like to see the look on the face of the RTO inspector in India, when… pic.twitter.com/sOLXCpebTU— anand mahindra (@anandmahindra) December 30, 2023
आरटीओ इंस्पेक्टर का चेहरा देखना चाहता हूं: आनंद महिंद्रा
ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, ‘सिर्फ एक मजेदार प्रोजेक्ट? हां, लेकिन इसमें लगे जुनून और इंजीनियरिंग प्रयास को देखिए. यदि किसी देश को ऑटोमोबाइल में विशाल बनना है, तो उसे ऐसे कई ‘गेराज’ आविष्कारकों की जरूरत है. खुश ड्राइविंग बच्चे और मैं भारत में आरटीओ इंस्पेक्टर के चेहरे पर वह भाव देखना चाहता हूं, जब आप इसे रजिस्टर्ड कराने के लिए ड्राइव करते हैं!’
कैसी है सोफा कार
ट्विटर पर आनंद महिंद्रा द्वारा शेयर किया गया वीडियो क्लिप करीब 1 मिनट 45 सेकंड का है, जिसमें दोनों युवकों ने एक ऑनलाइन स्टोर से एक बेसिक रिक्लिइनर सोफा खरीदने से लेकर उसे मोटर और पहियों के साथ कॉन्फिगर करने तक की पूरी यात्रा का डॉक्यूमेंटेशन किया है. इस सोफा कार में स्टीयरिंग लीवर को बाएं और दाएं घुमाने लायक स्टीयरिंग बनाई जाती है. थ्रॉटल और ब्रेकिंग स्टीयरिंग लीवर पर दो हैंडल लगाए गए हैं.
खोज के लिए निवेश की जरूरत
आनंद महिंद्रा की तरह इंटरनेट यूजर्स भी इस सोफा कार को काफी प्रभावित हुए और उन्होंने इस नई खोज की प्रशंसा की. ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, ‘इसके लिए पैसे भी चाहिए! मुझे लगता है कि आप जैसे उद्योगपतियों को एक फंड स्थापित करने की जरूरत है, जिसका इस्तेमाल ऐसे इनोवेशन के लिए किया जा सके. अधिकांश कंपनियां कहती हैं कि वे ऐसा करती हैं. ईमानदारी से कहें तो जमीन पर कोई भी वास्तव में कुछ नहीं करता है.’
[ad_2]
Source link