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इंटक प्रदेश अध्यक्ष हरदीप बावा।
– फोटो : संवाद
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राष्ट्रीय स्तर पर संजीवा रेड्डी की इंटक को मान्यता मिल गई है। इससे प्रदेश में इंटक में बन रहे दो गुटों पर भी विराम लग गया है। हाईकमान ने संजीवा रेड्डी की इंटक को मान्यता दे दी है। अब प्रदेश स्तर पर हरदीप बावा इंटक मान्य है। इससे प्रदेश और देश में लंबे समय से चल रहा विवाद थम गया है। प्रदेश अध्यक्ष हरदीप बावा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड के पूर्व एमपी सीएस दुबे स्वयं को इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दावा कर रहे थे।
संजीवा रेड्डी लंबे समय से इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इंटक कांग्रेस का फ्रंटल संगठन होने के नाते कई राज्यों में इंटक को इसलिए मान्यता नहीं मिल रही थी कि असली अध्यक्ष संजीवा रेड्डी हैं या सीएस दुबे। कई जगह कोर्ट केस भी हो गए थे। मामले को पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के ध्यान में लाया गया। उन्होंने विवाद सुलझाने के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई। इसमें वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को शामिल किया गया। कमेटी ने फैसला लिया कि जिसके पास अधिक यूनियन और सदस्य होंगे, उन्हें मान्यता दी जाएगी।
यूनियन संजीवा रेड्डी के पास अधिक पाई गईं और सदस्य भी साढ़े तीन करोड़ से अधिक पाए गए। इस पर कांग्रेस हाईकमान ने संजीवा रेड्डी की इंटक को मान्यता दी है। यह निर्देश दिए हैं कि संजीवा रेड्डी सीएस दुबे के साथ मिलकर सभी कोर्ट केस को रद्द कराएं। उनकी सभी यूनियनें संजीवा रेड्डी की यूनियन में मर्ज कराई जाएं। इंटक के कार्य की देखरेख के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इसमें तारिक अनवर को समन्वयक बनाया गया। हरीश रावत, के मुरलीधरन, राज मनी पटेल और उदित राज को सदस्य बनाया गया।
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