Student Union Election: आई कार्ड पर लगा बार कोड रोकेगा फर्जी वोटिंग, 24 दिसंबर को होंगे चुनाव

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(सांकेतिक तस्वीर)

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– फोटो : सोशल मीडिया

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उत्तराखंड के महाविद्यालयों में 24 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं। चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग को लेकर छात्र एक-दूसरे पर आरोप लगाते आए हैं। कई बार यह मुद्दा आपसी तनाव का भी कारण बनता है। इस बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पंजीकृत विद्यार्थियों के आईडी कार्ड पर बार कोड लगा है। बार या क्यूआर कोड को स्कैन करने पर विद्यार्थी के शैक्षणिक डाटा की जानकारी मिल जाएगी। यह किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने में कारगर है।

क्यूआर कोड स्कैन होते ही विद्यार्थी का पंजीकरण, नाम, महाविद्यालय, विषय, कक्षा का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसमें प्राचार्य के स्कैन किए हस्ताक्षर भी अंकित है। प्रवेश के दौरान ऑनलाइन फीस भरने के बाद यह आईडी कोड पोर्टल पर ही उपलब्ध हो गए थे। आईडी पर अंकित क्यूआर कोड से फर्जी वोटिंग पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगा। इससे पूर्व महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की जो आईडी बनती थी, उससे छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग की आशंका बनी रहती थी। पुराने आई कार्ड में फोटो और नाम बदलना आसान होता था। एनईपी के तहत बने नए आई कार्ड में इस प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जा सकती है।

एमबीपीजी के 4157 विद्यार्थी तय करेंगे हार-जीत
24 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव में इस बार एमबीपीजी कॉलेज के 4157 विद्यार्थियों को भी पहली बार छात्रसंघ चुनाव में वोट डालने का मौका मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष के बीए में 2363, बीकॉम में 825, बीएससी में 996 विद्यार्थियों प्रवेश लिया है। छात्र नेताओं की जीत और हार तय करने में ये वोटर अहम भूमिका निभा सकते हैं। छात्र नेताओं को इन वोटरों से संपर्क साधना होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पंजीकृत विद्यार्थियों की कॉलेज आईडी पर क्यूआर कोड भी अंकित है। इस कोड को स्कैन कर छात्र से जुड़ी शैक्षणिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। छात्रसंघ चुनाव के दौरान कॉलेज से बाहर का विद्यार्थी भी पकड़ में आ सकता है।
– डॉ. संजय खत्री, चीफ प्रॉक्टर, एबीपीजी कॉलेज।

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उत्तराखंड के महाविद्यालयों में 24 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं। चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग को लेकर छात्र एक-दूसरे पर आरोप लगाते आए हैं। कई बार यह मुद्दा आपसी तनाव का भी कारण बनता है। इस बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पंजीकृत विद्यार्थियों के आईडी कार्ड पर बार कोड लगा है। बार या क्यूआर कोड को स्कैन करने पर विद्यार्थी के शैक्षणिक डाटा की जानकारी मिल जाएगी। यह किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने में कारगर है।

क्यूआर कोड स्कैन होते ही विद्यार्थी का पंजीकरण, नाम, महाविद्यालय, विषय, कक्षा का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसमें प्राचार्य के स्कैन किए हस्ताक्षर भी अंकित है। प्रवेश के दौरान ऑनलाइन फीस भरने के बाद यह आईडी कोड पोर्टल पर ही उपलब्ध हो गए थे। आईडी पर अंकित क्यूआर कोड से फर्जी वोटिंग पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगा। इससे पूर्व महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की जो आईडी बनती थी, उससे छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग की आशंका बनी रहती थी। पुराने आई कार्ड में फोटो और नाम बदलना आसान होता था। एनईपी के तहत बने नए आई कार्ड में इस प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जा सकती है।

एमबीपीजी के 4157 विद्यार्थी तय करेंगे हार-जीत

24 दिसंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनाव में इस बार एमबीपीजी कॉलेज के 4157 विद्यार्थियों को भी पहली बार छात्रसंघ चुनाव में वोट डालने का मौका मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष के बीए में 2363, बीकॉम में 825, बीएससी में 996 विद्यार्थियों प्रवेश लिया है। छात्र नेताओं की जीत और हार तय करने में ये वोटर अहम भूमिका निभा सकते हैं। छात्र नेताओं को इन वोटरों से संपर्क साधना होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पंजीकृत विद्यार्थियों की कॉलेज आईडी पर क्यूआर कोड भी अंकित है। इस कोड को स्कैन कर छात्र से जुड़ी शैक्षणिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। छात्रसंघ चुनाव के दौरान कॉलेज से बाहर का विद्यार्थी भी पकड़ में आ सकता है।

– डॉ. संजय खत्री, चीफ प्रॉक्टर, एबीपीजी कॉलेज।



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