एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय – फोटो : अमर उजाला
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गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने से मना कर दिया है। विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर साफ किया है कि विश्वविद्यालय का संबंध महाविद्यालयों से सिर्फ शैक्षणिक है न कि प्रशासनिक। चुनाव करवाना महाविद्यालय का काम है। आज तक विवि ने कभी भी महाविद्यालयों में चुनाव नहीं करवाए हैं।
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों (श्रीनगर, टिहरी व पौड़ी) में गत 17 नवंबर को छात्रसंघ चुनाव संपन्न हो चुके हैं जबकि गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों और राज्य में स्थित अन्य महाविद्यालयों में अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। छात्रसंघ चुनाव के लिए विभिन्न स्थानों में छात्र आंदोलनरत हैं।
इसी बीच उत्तराखंड शासन के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गत दिवस गढ़वाल विश्वविद्यालय को संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रसंघ तिथि की घोषणा करने संबंधी पत्र भेजा गया है। जवाब में विश्वविद्यालय ने चुनाव संबंधी जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है।
प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट ने बताया कि पत्र का जवाब भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की महाविद्यालयों से संबद्धता शैक्षणिक कार्यों के लिए है। अन्य कार्यों में विश्वविद्यालय कोई हस्तक्षेप नहीं करता है।
विश्वविद्यालय महाविद्यालयों में परीक्षा करवाता है। डिग्री देता है और शैक्षणिक कैलेंडर तय करता है। राज्य विश्वविद्यालय का दौर हो या 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद का दौर हो। कभी भी विश्वविद्यालय का छात्रसंघ चुनाव में कोई भूमिका नहीं रही। विश्वविद्यालय सिर्फ अपने तीनों परिसरों में ही चुनाव करवाता आया है।
विस्तार
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने से मना कर दिया है। विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर साफ किया है कि विश्वविद्यालय का संबंध महाविद्यालयों से सिर्फ शैक्षणिक है न कि प्रशासनिक। चुनाव करवाना महाविद्यालय का काम है। आज तक विवि ने कभी भी महाविद्यालयों में चुनाव नहीं करवाए हैं।
एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों (श्रीनगर, टिहरी व पौड़ी) में गत 17 नवंबर को छात्रसंघ चुनाव संपन्न हो चुके हैं जबकि गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों और राज्य में स्थित अन्य महाविद्यालयों में अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। छात्रसंघ चुनाव के लिए विभिन्न स्थानों में छात्र आंदोलनरत हैं।
इसी बीच उत्तराखंड शासन के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गत दिवस गढ़वाल विश्वविद्यालय को संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रसंघ तिथि की घोषणा करने संबंधी पत्र भेजा गया है। जवाब में विश्वविद्यालय ने चुनाव संबंधी जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है।
प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट ने बताया कि पत्र का जवाब भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की महाविद्यालयों से संबद्धता शैक्षणिक कार्यों के लिए है। अन्य कार्यों में विश्वविद्यालय कोई हस्तक्षेप नहीं करता है।
विश्वविद्यालय महाविद्यालयों में परीक्षा करवाता है। डिग्री देता है और शैक्षणिक कैलेंडर तय करता है। राज्य विश्वविद्यालय का दौर हो या 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद का दौर हो। कभी भी विश्वविद्यालय का छात्रसंघ चुनाव में कोई भूमिका नहीं रही। विश्वविद्यालय सिर्फ अपने तीनों परिसरों में ही चुनाव करवाता आया है।