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दिव्या सिकरवार बनीं टॉपर
– फोटो : अमर उजाला
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किसी चीज को हासिल करने का जज्बा मन में हो, तो भगवान भी साथ देता है। दिव्या को परिवार का साथ मिला लेकिन सबसे अधिक मां की भूमिका रही। पांचवीं पास सरोज देवी को अपनी बेटी को कुछ बनाने की जिद थी। बेटी ने भी मां के भरोसे को ठेस नहीं पहुंचायी। प्रदेश मे टॉपर बनकर नाम रोशन किया।
नहीं हारी हिम्मत
गढ़ी राम एत्मादपुर की निवासी दिव्या सिकरवार बताती है कि पहली बार में मैंस क्लीयर नहीं कर सकी, तो दूसरी बार में दो नंबर से सलेक्शन रह गया। इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी। प्रदेश में टॉपर होने का विश्वास नहीं हो रहा है। गांव से शहर तक किसी लड़की का शिक्षा हासिल करना आसन नहीं होता है। दो बार सफलता न मिलने पर कोई दूसरी नौकरी करने की सोच रही थी लेकिन मां ने पीछे हटने से मना कर दिया।
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फिर शुरू की यूपीपीसीएस की तैयारी
दिव्या ने सेंट जोंस डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा हासिल की। उसके बाद यूपीपीसीएस की तैयारी शुरू की थी। ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी की। परिवार में पिता राजपाल फौजी,दादी और दो छोटे भाई है। डिप्टी कलेक्टर बनने पर सरकार की योजनाओं का लाभ हर लाभकारी तक पहुंचाने का प्रयास करेगी। गांव की बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर हर कोई बधाई दे रहा है। पिता राजपाल भी बेटी की सफलता पर मिष्ठान का वितरण करने में लगे रहे।
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