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दून पहुंचे नंदकिशोर
– फोटो : अमर उजाला
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देहरादून के नंद किशोर सूडान की जिस फैक्टरी में काम करने के लिए गए थे, एक महीने से उसी में अपने साथियों के साथ बंद थे। पीने का साफ पानी तक खत्म हो गया था। अपने 12 साथियों के साथ उन्होंने 15 दिनों तक गंदा पानी उबालकर ही प्यास बुझाई। खाने का सामान खत्म हो गया था। ऐसे में एक माह पुरानी ब्रेड और लाल चाय पीकर भूख मिटाई।
सूडान से लौटकर दून वापस आए नंद किशोर की आपबीती सुन उनके परिजनों और पड़ोसियों की आंखों में भी आंसू आ गए। स्वदेश लौटकर उन्होंने भारत और उत्तराखंड सरकार समेत दून की जिलाधिकारी सोनिका का आभार जताया है। कुआंवाला निवासी नंद किशोर 21 मार्च 2023 को सूडान के खारतून की केमिकल फैक्टरी में काम करने के लिए गए थे। ऑपरेशन कावेरी के तहत तीन दिन पहले उन्होंने सूडान से भारत लौटने का सफर शुरू किया था।
वह खारतून से जादा बंदरगाह पहुंचे। यहां से सऊदी और फिर शुक्रवार रात दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचे थे। यहां से बस के माध्यम से वह सकुशल अपने घर कुआंवाला पहुंच गए। उन्होंने बताया कि जिस दिन वह सूडान पहुंचे उसके कुछ दिन बाद ही वहां पर संघर्ष शुरू हो गया। जो जहां था उसे वहीं पर रखा गया।
उन्होंने बताया कि फैक्टरी में सीमित मात्रा में ही पीने का पानी और खाने की सामग्री थी। यहां 12 लोग थे तो यह सब कुछ दिनों में ही खत्म हो गया। सूडान से निकलने के 15 दिन पहले तक उनके पास पीने का साफ पानी भी नहीं था। वहां पर गंदा पानी जमा था। उसे ही उबालकर उन्होंने पीकर प्यास बुझाई। कुछ दिन बाद ब्रेड भी खत्म हो गई तो केवल लाल चाय बची थी। इसे उन्होंने दिन में एक बार पीकर ही काम चलाया।
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