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रुपये(प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : istock
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उत्तराखंड सरकार ने विशेष अभियान चलाकर जीएसटी चोरी करने वाले व्यापारियों और कंपनियों पर शिकंजा कसा है। अभियान का नतीजा यह रहा कि सितंबर 2022 से अब तक विभाग ने प्रदेश भर में कार्रवाई कर लगभग 50 करोड़ की टैक्स वसूली की है। टैक्स चोरी करने वाले राज्य कर विभाग की इंटेलिजेंस के रडार पर हैं। टैक्स संग्रहण में भी उत्तराखंड देश के टॉप-फाइव राज्यों में शामिल हैं।
प्रदेश में सितंबर में कारोबार के अनुरूप टैक्स जमा न करने वाले व्यापारियों और कंपनियों के खिलाफ सत्यापन अभियान चलाया था। विभाग की ओर से टैक्स देयता संबंधित रिकॉर्ड की पड़ताल करने पाया कि प्रदेश में 35 हजार व्यापारी ऐसे हैं जो वैट प्रणाली में टैक्स जमा कर रहे थे लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारी या तो शून्य रिटर्न फाइल कर रहे हैं या व्यापार को कम दिखाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं।
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इस अभियान में अब तक विभाग ने व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में जाकर कारोबार का सत्यापन किया। जिसमें लगभग 50 करोड़ की वसूली की है। इसके अलावा ई-वे बिल और कारोबार की जानकारी जुटा कर टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
बीते वर्ष की तुलना में कर संग्रहण में 36 प्रतिशत की वृद्धि
विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में नवंबर तक कुल 3696.39 करोड़ का टैक्स संग्रहण किया, जबकि 2022-23 में नवंबर तक 5023.41 करोड़ का कर संग्रहण किया। जो बीते वर्ष की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है। जीएसटी में कर संग्रहण के मामले में उत्तराखंड देश के श्रेष्ठ पांच राज्यों में शामिल हैं।
जीएसटी जमा करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यापारी होंगे सम्मानित
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जीएसटी जमा करने वाले उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार सम्मानित करेगी।
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