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उत्तरकाशी में टनल
– फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
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उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन को 17वें दिन सफलता मिली थी, लेकिन अगर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे फेल नहीं हुआ होता तो सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिक 11वें दिन ही बाहर आ जाते।
गलत सर्वे के कारण ऑगर मशीन के आगे मलबे में लोहे के सरिये और पाइप आ गए और ऑगर मशीन उनमें उलझ गई, जिसे काटकर बाहर निकालने में तीन दिन का समय लगा। दरअसल, ऑगर मशीन के आगे बार-बार सरियों और लोहे की बाधाएं आने पर 22 नवंबर को जीपीआर सर्वे कराया गया। इसे पारसन कंपनी के भूभौतिकी विशेषज्ञों ने अंजाम दिया।
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