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उत्तरकाशी सुंरग हादसे में बचाव कार्य
– फोटो : अमर उजाला
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अमेरिकन ऑगर मशीन भी बुधवार को काफी तेजी से चली। वैसे तो इस मशीन की ड्रिल स्पीड 5 मीटर प्रति घंटा है लेकिन मामूली अड़चनों के बीच पहली बार सुरंग के भीतर ये मशीन 1.8 से 2 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली।
विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रिल मशीन की गति से काम करना सुरंग के भीतर के मलबे की वजह से मुश्किल था। रात 12 बजे से जब ड्रिल मशीन शुरू हुई तो सुबह 11 बजे तक उसने 800 मिमी पाइप को मलबे में 18 मीटर तक पहुंचा दिया।
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