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पिता और बेटी
– फोटो : अमर उजाला
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चाह और कुछ कर गुजरने का जजबा हो तो आर्थिक तंगी भी व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती है। यह कहावत कानपुर की जूडो खिलाड़ी संजना कश्यप पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उसने विपरित हालातों के बावजूद खेलों इंडिया की राज्य स्तरीय जूडो प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर अपने इरादे भविष्य के लिए साफ कर दिए हैं।
काकादेव एम ब्लॉक निवासी फूलचंद घर के पास में ही फल का ठेला लगाकर परिवार पाल रहे हैं। परिवार में पत्नी लक्ष्मी, बड़ा बेटा शिवम, तीन बेटियां जुगनी, अंजली और संजना है। पिता के साथ ठेला लगाकर उनके काम में हाथ बटाने का काम भी संजना और भाई शिवम करते थे, लेकिन फिर शिवम ने संजना को खेल पर ध्यान देने के लिए कहा और खुद पिता के साथ काम करने लगा।
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