UP : खोजती रह गईं पुलिस, एसटीएफ, सीबीआई की टीमें, अब्दुल कवि ने सरेंडर कर खोली पोल, 18 साल से चल रहा था फरार

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Shooter Abdul Kavi surrenders due to injury and fear of encounter on economic empire

Kaushambi : अब्दुल कवि। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

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बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर 18 साल से पुलिस व सीबीआई को चकमा देकर फरार चल रहे माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। प्रयागराज में उमेश पाल व उनके दो सरकारी गनर की हत्या के बाद पुलिस ने शूटर, उसके परिजनों और मददगारों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। पुलिसिया कार्रवाई से अब्दुल कवि के करोड़ों के आर्थिक साम्राज्य पर चोट पहुंची, वहीं उसे पुलिस एनकाउंटर का डर सताने लगा था। माना जा रहा है कि इन्हीं कारणों से कवि ने पुलिस को चकमा देकर राजधानी की सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण किया।

25 जनवरी 2005 को राजू पाल हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने सरायअकिल के भखंदा निवासी माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि का नाम उजागर किया। पुलिस व सीबीआई ने 18 वर्ष से फरार अब्दुल कवि के घर 14 फरवरी को कुर्की का नोटिस चस्पा किया। इस बीच 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या हो गई। पुलिस के मुताबिक उमेश की हत्या अतीक व बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ की साजिश का परिणाम है, जो साबरमती और बरेली जेल में रची गई। वारदात के बाद पुलिस को घटना में शामिल शूटरों के अब्दुल कवि के घर में शरण लेने की खबर मिली। इस पर पुलिस ने तीन मार्च को अब्दुल कवि के घर पर सघन तलाशी अभियान चलाया।

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