UP: …जब राहुल ने सुना लालचंद का दर्द, अचानक ताजा हुईं 11 साल पुरानी यादें, दिल से लगाकर किया ये बड़ा वादा

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राहुल गांधी ने 11 साल पहले झांसी के मेंढकी गांव में जिस दलित कुंजीलाल के घर खाना खाया था। उन कुंजीलाल का बेटा लालचंद बुधवार को बागपत में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अचानक मिल गया। जिसकी आंख की समस्या का पता चलता है, तो राहुल गांधी ने तुरंत ही उनकी आंख का उपचार कराने का वादा करते हुए निजी सहायक को जिम्मेदारी भी सौंप दी। 

झांसी के मेंढकी के रहने वाले लालचंद आर्य ने बताया कि उनकी आंख में दो महीने पहले चोट लग गई थी। वह अपनी आंख का उपचार कराने के लिए दिल्ली में आया था। उनको भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पता चला। वह यात्रा में शामिल होने आया था और नारेबाजी कर रहा था। उसको देख राहुल गांधी ने अपने पास बुलवा लिया और हालचाल पूछा।

बताया कि उनकी आंख में परेशानी हो रही है। राहुल ने उनका उपचार कराने का वादा करते हुए निजी सहायक से संपर्क करने की बात कही। किसानों की समस्या भी लालचंद ने उनको बताई। जिसमें खाद की समस्या, भीषण सर्दी में आवारा पशुओं के कारण रातभर जागकर खेतों की रखवाली करने की समस्या भी बताई। तभी उनको बताया कि वह 11 साल पहले उनके घर भी आए थे और उनके पिता के साथ खाना खाया था। कुंजीलाल के बारे में पूछने पर पता चला कि उनका अब निधन हो चुका है।

काठा के एथलीट देवीलाल ने 15 मिनट तक बताईं समस्याएं

काठा गांव के रहने वाले एथलीट देवीलाल भी राहुल गांधी को देखने के लिए भारत जोड़ो यात्रा के साथ चल रहे थे। राहुल ने उनको भी देखकर बुलवा लिया और बात की। देवीलाल ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी के सामने अग्निवीर योजना की समस्या रखी। बताया कि एयरफोर्स के लिए लिखित परीक्षा पास करने के बाद योजना लागू कर दी गई तो वह भर्ती रद्द कर दी गई। वह उस भर्ती को पूरी करने के लिए कोर्ट गए, लेकिन हर बार तारीख मिल रही है।

इसके अलावा बताया कि बागपत में खेल सुविधाएं नहीं हैं। खिलाड़ी मेरठ, दिल्ली व हरियाणा में जाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यहां अभी कांग्रेस की सरकार नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है। वह कांग्रेस का साथ देंगे तो उनकी सरकार बनेगी और स्टेडियम से लेकर अन्य सभी खेल सुविधाएं सबसे पहले बागपत में दी जाएंगी। 

मवीकलां से बड़ौत तक 28 लोगों से की बात

मवीकलां से यात्रा शुरू करने के बाद राहुल गांधी के साथ में आम लोग भी चल रहे थे। राहुल गांधी कुछ लोगों को अपने पास बुलाते रहते थे और बातचीत करते रहते थे। राहुल गांधी ने मवीकलां से बड़ौत तक 28 लोगों से इस तरह बुलाकर बातचीत की। राहुल ने पूछा कि उनको किस तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं और उनका समाधान कैसे हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस का साथ देने की अपील भी लोगों से की।



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