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Swami Prasad Maurya
– फोटो : अमर उजाला
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सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक दिन पहले अयोध्या के भव्य मंदिर में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को भाजपा का कार्यक्रम बताया है। कहा कि जिसकी पूजा हजारों वर्षों से हो रही उसकी प्राण प्रतिष्ठा का क्या औचित्य। इसका मतलब यह है कि भगवान के अस्तित्व को भी नाकार रहे हैं।
प्राण प्रतिष्ठा करने वाले लोग अपने को भगवान से भी बड़ा साबित करना चाहते हैं। सत्ता में बैठे लोग अपने पाप को छुपाने के लिए इस तरह का ड्रामा का सहारा लेते हैं। वह समाजवादी पार्टी की ओर से लंका मैदान में आयोजित कर्पूरी ठाकुर के जन शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक माह से बड़ा जश्न अयोध्या में पूरा हुआ। सोमवार को जो प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। यह भाजपा का कार्यक्रम लग रहा था, क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा में केवल आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद व भाजपा के लोग थे। अगर यह धार्मिक कार्यक्रम होता तो शंकराचार्य लोग उसमें उपस्थित होते।
चारों शंकराचार्य में से एक भी शंकराचार्य उसमें मौजूद नहीं थे। देश की राष्ट्रपति भी आमंत्रित होने के बावजूद प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गईं। मंदिर के बहाने भाजपा भ्रष्टाचार बेरोजगारी आदि के मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस देश में धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया जाता है।
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