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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सपा ने भाजपा की नीतियों के खिलाफ हमले तेज करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत प्रमुख पदाधिकारी एक नवंबर को होने वाली नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में जातीय जनगणना और पीडीए रणनीति के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें 300 से ज्यादा पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
सपा सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने वाले पदाधिकारियों को भाजपा के वैचारिक प्रचार से निपटने के तौर-तरीके बताए जाएंगे। जातीय जनगणना के मुद्दे को गली-गली पहुंचाना क्यों जरूरी है, यह समझाया जाएगा। इसके साथ ही पीडीए यानी पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर फोकस करने की जरूरत भी बताई जाएगी।
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बूथ कमेटियों के गठन के साथ-साथ मतदाता सूची पर नजर रखने के लिए भी कहा जाएगा ताकि समाजवादी सोच के मतदाताओं का नाम सूची से न हट सके और ऐसे लोगों के नाम न जुड़ सकें, जो उस क्षेत्र में रहते नहीं हैं। इन मुद्दों को सिलसिलेवार अखिलेश यादव प्रदेश पदाधिकारियों के सामने रखेंगे। इन सब तैयारियों के बीच भाजपा पर वैचारिक हमले तेज करने की रणनीति भी बनाई गई है, ताकि इसके जरिये जनता के बीच विभिन्न मुद्दों पर समाजवादी नजरिये को अधिक से अधिक फैलाया जा सके।
40 नेताओं को चुनाव लड़ने की हरी झंडी
सपा लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही वजह है कि अखिलेश यादव ने लोकसभा क्षेत्र प्रभारी बनाए गए करीब 40 नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है। कई नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने की हरी झंडी दिए जाने की पुष्टि सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी करते हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि इससे अधिक खुलासा नेतृत्व से बात करके ही कर सकेंगे।
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