UP: भैया! नानी का आखिरी बार मुंह दिखा दो… जाते हुए मैंने उनको देखा भी न था; पति ने भी सिंदूर भर मांगी माफी

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Last rites of five dead in Madurai train accident Weeds everywhere

Madurai train accident
– फोटो : अमर उजाला

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भैया! मेरी नानी का आखिरी बार मुंह तो दिखा दो… जाते हुए मैंने तो उनको देखा भी नहीं था। रोते-रोते मिथिलेश की नातिन अदिति बस यही कहे जा रही थी। बार-बार जिद करने पर उसे अपनी नानी का चेहरा दिखा दिया जाए। जब उसे चेहरा दिखाया गया तो वह बेसुध हो गई। 

पांच घरों से मातम और चीख पुकारों के बीच मदुरै ट्रेन हादसे के मृतकों की अर्थिंयां उठाईं गईं। सोमवार को शहर के गोपालदास घाट के श्मशान पर सभी शवों का अंतिम संस्कार किया गया। हादसे में जान गंवाने वाली मिथिलेश को उनके पति शिवप्रताप ने मुखाग्नि दी। एक चबूतरे पर ही मिथिलेश और शत्रुदमन सिंह के शवों को रखा गया। 

शत्रुदमन को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। वहीं हरीश भसीन उर्फ पप्पू को उनके नाती गौतम साहनी ने मुखाग्नि दी। उनका शव इतना ज्यादा जल चुका था कि उसे ताबूत के साथ ही चिता पर रख दिया गया। रविवार शाम शवों को ताबूत में रखकर लाया गया था। 

सबसे अंत में अंकुल के शव का अंतिम संस्कार किया गया। उसे उसके 12 साल के मासूम बेटे सार्थक ने मुखाग्नि दी। जिसे शायद अभी तक इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसको बचाने वाला पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। शव इतना अधिक जल चुके थे कि अंतिम समय परिजन अपनों का चेहरा भी सही से न देख सके।

 

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