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बसपा सुप्रीमो मायावती(फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
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मुरादाबाद मंडल की मुरादाबाद और रामपुर लोकसभा सीट पर अब तक बसपा खाता नहीं खोल सकी। दोनों सीटों पर चुनाव दर चुनाव बसपा के वोट प्रतिशत में उतार-चढ़ाव तो देखने को मिलता रहा, लेकिन वह इतना वोट हासिल नहीं कर पाई कि मुख्य मुकाबले में आ सके।
हमेशा तीसरे या चौथे नंबर पर ही पार्टी के प्रत्याशी सिमटते रहे हैं। हालांकि मंडल की बाकी चारों सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की है। इस बार बसपा मंडल की सभी सीटों पर नए समीकरणों के साथ चुनाव मैदान में अकेले ही कूदी है।
मुरादाबाद मंडल की संभल, अमरोहा, और बिजनौर लोकसभा सीटों पर बसपा प्रत्याशी दो-दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि नगीना सीट पर एक बार ही सफलता मिली है। 1989 में बसपा सु्प्रीमो मायावती बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव जीत दर्ज कर संसद पहुंची थीं।
मायावती के बाद इस सीट पर बसपा को तीस साल बाद 2019 में जीत मिली। तब सपा से गठबंधन में बसपा के मलूक नागर कामयाब हुए। संभल में 1996 में डीपी यादव और 2009 में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर संसद पहुंचने में कामयाब हुए। इसी तरह अमरोहा लोकसभा सीट पर भी बसपा दो बार जीत दर्ज कर चुकी है।
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