UP: रोजगार के लिए मिले 55 करोड़, फिर भी 5600 स्वयं सहायता समूह बेरोजगार, विभाग के पास कोई लेखाजोखा भी नहीं

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National Rural Livelihood Mission, 55 crores received for employment, yet 5600 self-help groups are unemployed

,राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
– फोटो : सोशल मीडिया

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कानपुर में महिलाओं के उत्थान के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह सरकार से करोड़ों रुपये लेने के बाद भी रोजगार शुरू नहीं कर पाए। पांच साल में केंद्र सरकार ने जिले के 5689 समूहों को करीब 55.74 करोड़ रुपये दिए थे। केवल 10 समूह ही छोटे स्तर पर रोजगार कर रहे हैं। शेष समूहों ने अपने निजी काम में ही धनराशि खर्च कर दी।

खुद को बचाने के लिए विभाग कागजों में समूहों का रोजगार तो दिखा रहा, लेकिन हकीकत में पैसा खर्च कहां हुआ, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। सरकार की मंशा थी कि गरीब वर्ग की ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर खेती-किसानी, सिलाई की दुकान या अन्य कोई काम समूह में शुरू कर खुद के पैरों पर खड़ी हो सकें। इसी क्रम में गांव-गांव में स्वयं सहायता समूह बनाए गए थे। योजना के अनुसार बैंक से लोन लेने के बाद काम शुरू करना होता है।

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