UP: श्रीकृष्ण विग्रह संबंधी केस में पेश नहीं हुआ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका

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Sunni Central Waqf Board did not appear in case related to Shri Krishna idol last chance to file reply

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– फोटो : istock

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आगरा के लघु वाद न्यायालय में बृहस्पतिवार को योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से दायर श्रीकृष्ण विग्रह संबंधी केस में सुनवाई हुई। प्रतिवादी पक्ष सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहा। न्यायालय में अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अंतिम अवसर दिया है।

वादी पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि न्यायालय में विपक्षी संख्या-2 की तरफ से दाखिल आदेश 7 नियम 11 के प्रार्थनापत्र पर आपत्तियां दाखिल कीं। इसमें दावा किया जामा मस्जिद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है। जामा मस्जिद का अभी तक वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 4 के अनुसार सर्वे नहीं हुआ है। जब तक वक्फ अधिनियम की कार्यवाही नियमानुसार पूरी नहीं होती तब तक कोई संपत्ति वक्फ की संपत्ति नहीं कही जा सकती है। 

इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के भी कई निर्णय है, जिनमें यह कहा गया है कि वक्फ बोर्ड को वक्फ अधिनियम 1995 की धारा चार की कार्यवाही पूरी करनी पड़ेगी। तब किसी संपत्ति को वक्फ माना जा सकता है। उन्होंने अपने आपत्ति प्रार्थनापत्र में कहा है कि जामा मस्जिद इस्लामिक ढांचा नहीं है। वह एक हिंदू ढांचा है। इस संबंध में उन्होंने न्यायालय में साक्ष्य दाखिल किए हैं।

वादी ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की पैरवी न्यायालय में दाखिल की, जिसे न्यायालय ने पूर्ण मान लिया है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहा। न्यायालय ने 2 फरवरी को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अपना जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर दिया है।

 

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