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सूखे ने किसानों को बना दिया कर्जदार
– फोटो : अमर उजाला
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दो दशक से सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड के किसान आर्थिक रूप से उबर नहीं पा रहे हैं। चित्रकूटधाम मंडल के किसानों पर करीब 80 अरब से अधिक का कर्ज है। इस वर्ष भी खरीफ की फसल होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। किसान सरकार से कर्ज माफी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उधर, मंडल में सूखे के प्रभाव को कम करने वाली योजनाओं ने तेजी पकड़ ली।
बुंदेलखंड में पिछले 50 सालों में करीब 20 वर्ष ऐसे रहे कि दैवीय आपदाओं ने किसानों की फसलें बर्बाद हुईं। किसान साल दर साल कर्ज के बोझ तले दबता गया। आय दोगुनी करने के बड़े-बड़े दावे भी काम नहीं आए। आंकड़ों की माने तो चित्रकूटधाम मंडल में चार लाख से अधिक किसानों पर कर्ज है।
इन पर करीब 80 अरब से अधिक का कर्ज है। इनमें एक लाख से अधिक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने बैंक से करीब 35 अरब रुपये का कर्ज ले रखा है। बैंक की तमाम कोशिशों के बाद भी लौटा नहीं पा रहे है। बैंकों ने अपनी रकम एनपीए (बट्टे खाते) में डाल दी।
उधर, अधिकारियों ने शासन को सूखा न्यूनीकरण प्रबंधन योजना के तहत मंडल में सूखे के असर को कम करने के लिए 100 करोड़ की कार्ययोजना भेजी है। इसके साथ ही पहले से चल रहे काम मेड़बंदी, खेत-तालाब, पशुपालन, उद्यान जैसी योजनाओं ने तेजी पकड़ ली है।
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