UP: सोशल साइट्स पर अश्लीलता से बढ़ रहा बाल यौन शोषण, मोबाइल पर पोर्न सामग्री देख वारदात को दिया जा रहा अंजाम

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Petition filed in Supreme Court to fix accountability of those spreading obscenity on social sites

बाल रोग सर्जन डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ
– फोटो : अमर उजाला

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फेसबुक, वॉट्सएप, टेलीग्राम जैसी तमाम सोशल साइट्स पर अश्लीलता फैलाने और बाल यौन शोषण को बढ़ावा देने पर ताजनगरी आगरा के बाल रोग सर्जन डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने खुलकर बात की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की है। उन्होंने कोर्ट से सोशल साइट्स की जवाबदेही तय करने की गुहार लगाई। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई की। इसमें कहा, सोशल साइट्स पर पोर्नोग्राफी को लेकर पूर्व से याचिका दायर हैं। जिनकी सुनवाई में नई याचिका के बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। देहली गेट निवासी याचिकाकर्ता बाल रोग सर्जन डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वो नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामलों में सर्जरी करते हैं। 

कई मामलों में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने मोबाइल पर पोर्न सामग्री देख कर घटना की। उन्होंने कहा कि वॉट्सएप सर्वाधिक घातक है। इंड टू इंड इन्क्र्पशन के कारण पोर्न वीडियो भेजने वाले ट्रेस नहीं हो पाते। ऐसे में सोशल साइट्स की जवाबदेही तय की जाए। आईटी एक्ट 2021 के तहत साइट्स को नोटिस देते हुए कोर्ट दिशा-निर्देश जारी करे। जिससे मोबाइल फोन पर उपलब्ध अश्लील सामग्री के कारण बाल यौन शोषण की घटनाओं पर रोक लग सके।

चार नाबालिगों ने किया था चार साल की बच्ची से रेप

याचिकाकर्ता डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 3 जुलाई 2018 को कानपुर में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई थी। जिसमें चार नाबालिग लड़कों ने मोबाइल फोन पर पोर्न फिल्म देखने के बाद चार साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म किया था। चारों लड़कों की उम्र 7 से 12 साल थी। महाराजगंज पुलिस थाना में चारों आरोपियों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था।

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