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यूपी बजट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
22 फरवरी को पेश होने वाले प्रदेश सरकर के बजट से आमजन से लेकर उद्यमियों को काफी आस है। माना जा रहा है यह बजट उद्यम, रोजगार और युवाओं पर केंद्रित रहेगा। उद्यमी बजट उनके अनुकूल होने और यहां के उद्योग धंधे विकसित होने के अलावा जिले के कई प्रोजेक्ट पूरे होने की बजट में उम्मीद लगा रहे हैं। युवा इस बजट में रोजगार के रास्ते खुलने की उम्मीद लगा रहे हैं। किसानों को आस है कि बजट में कर्जमाफी की घोषणा होगी तो विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें लैपटॉप, स्मार्टफोन मिलेंगे।
हाथरस बेमौसम हुई बारिश से सड़कें अधिक खराब हो गई। जिले में 54 सड़कें बजट के अभाव में जर्जर हालत में पड़ी हुई है। माना जा रहा है कि इस बजट में सड़कों के लिए बजट मिलेगा तो आमजन की राह आने वाले दिनों में आसान होगी। वहीं सिकंदाराराऊ में वर्षो से रोडवेज बस स्टैंड का अधर में लटका हुआ है। शायद इस बजट में सिकंदाराराऊ में बस स्टैंड निर्माण के लिए बजट मिल जाए।
इसके अलावा बिजली की लाइनें जर्जर हालत में है जोकि बजट के अभाव में सहीं नहीं हो पा रही है। इस बजट से बिजली व्यवस्था में भी सुधार की आस है। उद्योगों को रफ्तार देने के लिए शासन स्तर से अपग्रेडशन हेल्प की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत मशीनों के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलनी है। हाथरस के कई उद्यमियों की फाइलें बजट के अभाव में कानपुर में लटकी हुई है। इस बजट से उद्योगों को भी नई रफ्तार मिल सकती है। जिले के परंपरागत उद्योगों के लिए बजट पैकेज से रहात मिलने की उम्मीद है।
हाथरस में आज तक ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बना है। इस कारण वाहनों को फुटपाथों पर खड़ा करना पड़ता है। इस बजट में ट्रांसपोट नगर मिल जाए तो काफी राहत मिलेगी। इससे आमजन की राह भी सुगम होगी। – राजीव वार्ष्णेय, ट्रांसपोर्टर
एक जिला एक उत्पाद से हाथरस जिले में हींग का कारोबार बढ़ा है। इसके बाद आज तक हींग की प्रयोगशाला नहीं बनी है। उम्मीद है कि इस बार शायद हींग की प्रयोगशाला बनाने की घोषणा की जाएगी। – अनिल शर्मा, हींग उद्यमी
इस बजट में किसान के ऋण को इस बार माफ करने चाहिए। इससे अन्नदाता को काफी राहत मिलेगी। पूर्व में भी ऋण माफ किया गया, जिसका को अधिकांश किसानों को लाभ नहीं मिला है। – अनिल कुमार शर्मा किसान
प्रदेश सरकार के बजट से बिजली बिल की दरें कम होने की उम्मीद है। हालांकि शासन स्तर से पहले ही नलकूप बिल को आधा किया जा चुका है। अब देरें कम हो जाए तो अन्नदाता को काफी राहत मिलेगी। – भूपेंद्र सिंह, किसान
बिना स्मार्टफोन या लैपटॉप के पढ़ाई करना काफी मुश्किल हो जाता है। लैपटॉप और स्मार्टफोन से की कीमत काफी अधिक है। इसलिए सरकार को बजट में मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए लैपटॉप और स्मार्टफोन वितरण के लिए प्रावधान करना चाहिए। – हेमंत, छात्र
डिजिटल युग में लैपटॉप और स्मार्टफोन की भूमिका बढ़ गई है। इन संसाधनों के सहारे छात्र-छात्राएं दूर बैठे किसी भी शिक्षक की क्लास ऑनलाइन ले सकते हैं। इसलिए सरकार को छात्र-छात्रों के लैपटॉप और स्मार्टफोन वितरित करने चाहिए। -विवेक कुमार, छात्र
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