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सजा सुनाने के बाद दोषी को जेल ले जाती पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कोर्ट ने ननिया सास की हत्या कर घर में लूटपाट करने वाले दोषी को फांसी की सजा सुनाई। दोषी अपनी ससुराल में रहता था। पास में रह रही ननिया सास को पेचकस से गोद कर मार डाला था। विवेचक ने सारे साक्ष्य और गवाहों को कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के दौरान दोष सही पाया गया।
घटना एक अप्रैल 2022 को उत्तर थाना क्षेत्र के आर्यनगर मोहल्ला की है। अर्पित जिंदल ने थाने में तहरीर दी। बताया कि उसकी मां शोभा जिंदल परिवार के साथ सिनेमा देखने गई थी। घर पर दादी कमला देवी (70) एवं कौशल्या नगर निवासी नौकरानी रेनू शर्मा अकेली थी। शाम साढ़े चार बजे मोबाइल पर सूचना मिली कि घर में कोई घटना हो गई है।
खून से लथपथ बेड पर पड़ा मिला शव
सूचना पर घर पहुंचा तो काम वाली रेनू शर्मा बेहोश थी। दादी का शव खून से लथपथ बेड पर पड़ा था। घर में रखे जेवरात व नकदी गायब थी। घायल नौकरानी को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान पुलिस ने मुल रूप से मेरठ जिला के बंगला एरिया, सदर बाजार एवं हाल निवासी उत्तर थाना क्षेत्र के लोहिया नगर निवासी तरूण गोयल को गिरफ्तार किया।
ससुराल में ही रहता था दोषी
पुलिस को इसके कब्जे से जेवरात व नकदी बरामद हुई। साथ ही हत्या में प्रयुक्त पेचकश भी बरामद हुआ। तरुण की शादी लोहिया नगर गली नंबर-दो निवासी प्रेरणा अग्रवाल उर्फ जूली से हुई थी। शादी के बाद पति-पत्नी मेरठ में रहने लगे। लेकिन, कुछ वर्षों बाद तरुण अपने बीबी बच्चों के साथ फिरोजाबाद आकर ससुराल में ही रहने लगा।
आजाद सिंह के न्यायालय में पहुंचा मामला
घटनास्थल आर्यनगर में आरोपी की ननिया सास कमला देवी (70) अपने परिवार के साथ रहती थी। तरुण व उसके बच्चों का अक्सर उनके घर आना जाना रहता था। घटना वाले दिन वह आर्यनगर गया। घटना को अंजाम दिया। मामला सेशन को सुपुर्द होकर सुनवाई के लिए अपर जिला जज षष्टम एवं विशेष जज दस्यु प्रभावी क्षेत्र आजाद सिंह के न्यायालय में पहुंचा।
एडवोकेट ने दोषी को सख्त सजा दिलाने की पहल की
शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक अजय शर्मा एडवोकेट ने दोषी को सख्त सजा दिलाने की पहल की। मौजूद साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने दोषी तरुण को मृत्यु दंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि उसकी गर्दन को फांसी पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती।
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