UP News: अब एक कॉल पर यूपी के बीमार पशुधन के लिए उपलब्ध होंगे डॉक्टर, मुख्यमंत्री योगी ने दिखाई हरी झंडी

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना पशुधन के क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात है। उन्होंने कहा कि 520 मोबाइल वेटरनरी वैन आज से प्रदेश के सभी जनपदों में पशुपालकों के लिए उपलब्ध रहेंगी। हम लोग देखते थे कि कोई जानवर बीमार हैं तो उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाता था। किसी गोवंश का एक्सिडेंट हो जाता था तो समय पर उसे डॉक्टर नहीं मिल पाते थे। इससे उन पशुओं का इलाज हो पाएगा। यह योजना वास्तव में उत्तर प्रदेश के पशुधन संरक्षण और संवर्धन के नए अध्याय की शुरुआत है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से पिछले छह वर्ष में हमारी सरकार ने गोवंश के संरक्षण और संवर्धन में अनेक प्रयास किए हैं। अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन हो, उनकी आमदनी बढ़े इसके लिए तो प्रयास हुए ही साथ ही साथ किसानों की फसलों को भी सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश के पशुधन विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए, जिनकी लंबी शृंखला है।

मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को भारत सरकार के सहयोग से शुरू हुई पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड़ रूपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के साथ मिलकर पशुओं के नस्ल सुधार के एक बड़े अभियान को हम लोग आगे बढ़ा रहे हैं। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के 6 हजार 600 से अधिक आश्रय स्थल प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के अंदर कुल 12 लाख गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है, जिसमें प्रति गोवंश सरकार नौ सौ रुपए दे रही है। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार गोवंश संरक्षण के लिए तीन प्रकार की योजना चला रही है। पहली योजना के अंतर्गत निराश्रित गो आश्रय स्थलों में 10 लाख के आस-पास गोवंश को रखकर उनकी सेवा की जा रही है। दूसरा कार्यक्रम मुख्यमंत्री सहभागित योजना है। इसके तहत कोई भी किसान अपने घर में चार गोवंश रख सकता है, सरकार उसे नौ सौ रुपए प्रति गोवंश हर माह डीबीटी के माध्यम से दे रही है। तीसरी योजना के तहत कुपोषित परिवारों को हम गोवंश उपलब्ध करा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद किसी ने सोचा नहीं होगा कि यहां के पशुपालकों द्वारा उत्पादित होने वाले दुग्ध को वैश्विक बाजार में स्थान क्यों नहीं मिल पा रहा है। उसका कारण था बीमार पशुओं के दुग्ध के नमूने फेल हो जाते थे। यह पहली बार हुआ है जब खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारी को समाप्त करके मूक जीवों को संरक्षण देने कार्य किया जा रहा है। अपने पशुपालकों के उत्पादों को वैश्विक बाजार में उपलब्ध कराकर उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना किसानों की अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बना है। गाय के गोबर से आज पेंट बन रहा है। इसको बढ़ाने के लिए राज्य सरकार नए कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में हम गो-आधारित प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके तहत हम सवा लाख हेक्टेयर भूमि में खेती की कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इसमें बढ़ोतरी हो इसके लिए हमने बुंदेलखंड के सातों जनपदों को इसमें जोड़ा है। एक देसी नस्ल की गाय एक वर्ष में तीस एकड़ खेती को विषमुक्त बना सकती है। यह कार्यक्रम भी प्रदेश में युद्ध स्तर पर प्रारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग का स्तर बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतर गंतव्य बनकर उभरा है जो प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बना है।

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