UP News: यूपी के ‘ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम’ को और मुस्तैद बनाएगी योगी सरकार, ये है पूरा प्लान

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UP government will make Geographical Information system eefective in state.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


आर्थिक, औद्योगिक व आधुनिक उन्नति की दिशा में उत्तर प्रदेश का मार्ग प्रशस्त कर रही प्रदेश सरकार प्रदेश के ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) को और चाक-चौबंद व मुस्तैद बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है जिसके जरिए उत्तर प्रदेश में सर्वे, डिजिटलाइजेशन व मैपिंग जैसी 17 से ज्यादा प्रक्रियाओं के एकीकृत सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का कार्य प्रारंभ हो गया है। इस दिशा में, श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड (एसआईएल) को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का जिम्मा सौंपा गया है, जिसने अपने यहां इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के जरिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की आईएसओ 9001:2008 कंपनी के तौर पर कार्यरत है। श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड राज्य की विभिन्न सरकारी एजेंसियों के लिए हार्डवेयर, नेटवर्किंग, सॉफ्टवेयर और आईटी समाधानों के कार्यान्वयन, आईटी प्रशिक्षण और अन्य संबंधित कार्यों जैसे आईटी व आईटीईएस परियोजनाओं को पूर्ण करने लिए भी ‘नोडल एजेंसी’ के तौर पर कार्यरत है। 

17 से ज्यादा प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में सक्षम होगा एकीकृत सॉफ्टवेयर

श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को जिस विशिष्ट एकीकृत सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का कार्य सौंपा गया है वह कई खूबियों से लैस होगा। माना जा रहा है कि प्रदेश की ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम को अधिक सुविधाजनक व आसान बनाने के लिए बनने वाला यह सॉफ्टवेयर सर्वे, डिजिटलाइजेशन व मैपिंग जैसी 17 से ज्यादा प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में सक्षम होगा।

जीआईएस सर्वे के लिहाज से यह सॉफ्टवेयर बिजली के खंभों, सड़कों, हैंडपंप, सबमर्सिबल पंप, कुएं, सरकारी प्रतिष्ठान, बस अड्डे व रेलवे स्टेशन आदि के आंकड़ों का संकलन करेगा। वहीं, नगर पालिका परिषद के अंतर्गत घरों, ब्लॉकों व शहरी सीमाओं के निर्धारण व डोर टू डोर प्रॉपर्टी सर्वे जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में सक्षम होगा। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन प्रॉपर्टी डिटेल सॉफ्टवेयर के तौर पर फॉर्म्स पर प्राइमरी डेट भरने, अंकित डाटा को सही प्रकार से संचित रखने, रिपोर्ट्स संकलन व खोज में सक्षम होगा। इसके अलावा, इस सॉफ्टवेयर में सैटेलाइट इमेजिंग का भी इस्तेमाल किया जाएगा जिससे मैपिंग की प्रक्रिया को रियलटाइम में एक्सेस करने में मदद मिलेगी।

आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के लिए भी राज्य नोडल एजेंसी है श्रीट्रॉन

श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड (एसआईएल) को 1 फरवरी 1979 को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत एक कंपनी के रूप में अपट्रॉन श्रीट्रॉनिक्स लिमिटेड के नाम से निगमित किया गया था। बाद में 24 अप्रैल 1984 को कंपनी का नाम बदलकर श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड डीबीटी व अन्य परियोजनाओं (जहां आधार प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है) के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं (एयूए/केयूए) के लिए भी राज्य नोडल एजेंसी के तौर पर भी काम करती है।

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