UPPSC : आरओ/एआरओ परीक्षा पर एक हफ्ते में निर्णय संभावित, शासन ने 27 फरवरी तक मांगे थे साक्ष्य

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Decision on RO/ARO exam possible in a week, government had asked for evidence till 27th February

यूपीपीएससी।
– फोटो : अमर उजाला

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समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के साथ ही शासन भी अपने स्तर से जांच करा रहा है। शासन ने 27 फरवरी तक अभ्यर्थियों से पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य मांगे थे। यह मियाद मंगलवार को पूरी हो गई। परीक्षा को लेकर एक हफ्ते में निर्णय लिया सकता है।

दूसरी ओर, आयोग ने अभ्यर्थियों से दो मार्च तक साक्ष्य मांगे हैं। साथ ही आयोग की तीन सदस्यीय आंतरिक कमेटी अलग से मामले की जांच कर रही है। आयोग ने शासन को एसटीएफ जांच की संस्तुति भी भेजी थी। आयोग की आंतरिक जांच शुरू ही की थी, इसी बीच शासन ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और अलग से भी इसकी जांच शुरू करा दी। 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।

आयोग की किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आए और परीक्षा में सात लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। प्रारंभिक परीक्षा के दौरान ही पेपर लीक विवाद सामने आने के बाद परीक्षा में शामिल ये सात लाख अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वहीं, पिछले तीन वर्षों में अभ्यर्थियों के बीच अपनी छवि तेजी से सुधारने वाले आयोग के सामने अब इसे बनाए रखने की चुनौती है।

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