UPPSC : मेंस से लेकर इंटरव्यू तक नहीं रह गया विषय का महत्व, व्यक्तित्व परीक्षण पर रहेगा विशेष जोर

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कांफ्रेंस में भी इसी बात पर दिया गया था जोर


ये प्रश्नपत्र यूपी की योजनाओं, संस्कृति, लोक कलाओं, यूपी के इतिहास, सभ्यता, वास्तुकला, यूपी में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे, सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा, साहित्य, बोली, सामाजिक प्रथाएं, पर्यटन, यूपी की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, सिंचाई, खनिज, परिवहन तंत्र, औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएं, बुनियादी ढांचा, यूपी का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग पर आधारित हैं।

यूपीपीएससी में 18 दिसंबर को आयोजित 14 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के सदस्यों की राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल विशेषज्ञों और यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने भी इस बात पर जोर दिया कि इंटरव्यू में परिस्थिति आधारित सवाल पूछे जाएं। अभ्यर्थियों का आकलन किया जाए कि उनमें नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता का स्तर क्या है, क्योंकि उन्हें समाज के बीच रहकर प्रशासनिक व्यवस्था संभालनी है।

इंटरव्यू तकनीक में बदलाव की वकालत करते हुए विशेषज्ञों और आयोग के अध्यक्ष ने कहा था कि अभ्यर्थी तो परीक्षा उत्तीर्ण करके इंटरव्यू तक पहुंच रहा है, इसलिए इंटरव्यू में उसके विषय या ज्ञान का परीक्षण करने से ज्यादा जरूरी उसके व्यक्तित्व का परीक्षण करना है। विशेषज्ञों और सदस्यों ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक सेवाओं में विषय को ज्यादा महत्व न दिया जाए, बल्कि उच्च गुणवत्ता की नेतृत्व क्षमता वाले भावी अफसरों को तलाशा जाए।

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