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जेपीआरआर मोटर मार्ग पर अचानक पहाड़ दरककर गिरने से खलबली मच गई। सड़क पर खड़ी बाइक और पुलिस का बैरियर मलबे के साथ टौंस नदी में जा समाया। गनीमत रही कि घटना के समय कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं, मलबा आने से सड़क बंद हो गई। सैकड़ों वाहन देर रात तक फंसे रहे। मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने भूस्खलन की जांच करके कार्रवाई की बात कही है। त्यूनी पुल के पास सड़क चौड़ीकरण के कार्य के लिए पहाड़ की कटिंग की जा रही है। रविवार दोपहर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा दरककर सड़क पर आ गिरा। अचानक आए मलबे के कारण आसपास के लोगों में खलबली मच गई।
मलबा इतना ज्यादा था कि सड़क पर खड़ी एक बाइक और पुलिस का बैरिकेड उसके साथ टौंस नदी में समा गई। वहीं, सड़क बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बताते चलें कि 707-बी राष्ट्रीय राजमार्ग त्यूनी, हनोल, मोरी और उत्तरकाशी का मुख्य मार्ग है। इसके अलावा विकासनगर, देहरादून और हिमाचल प्रदेश के शिमला, रोहडू, हाटकोटि आदि जाने वाले वाहन भी इसी मार्ग से गुजरते हैं।
ऐसे में बड़ी संख्या में वाहन देर रात तक फंसे रहे। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड ने करीब तीन बजे मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन, मलबा हटाने की गति धीमी होने और मौके पर किसी अधिकारी के मौजूद नहीं होने से मार्ग के देर रात तक खुलने की संभावना नजर आ रही थी।
त्यूनी पुल के आसपास सड़क को चौड़ा करने के लिए पहाड़ की कटिंग का कार्य तीन दिन पहले तक जारी था। बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ठेकेदार और विभाग को इस बात का एहसास हो गया था कि पहाड़ के एक बड़े हिस्से में दरार आ चुकी है और वह कभी भी खिसक सकता है। इसलिए कटिंग बंद कर दी गई। लेकिन, क्षेत्र में सावधानी के न तो बोर्ड लगाए गए और न ही कोई अन्य इंतजाम किए गए।
यही नहीं, इतनी बड़ी घटना के बाद देर शाम तक भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। विभाग में मेट पद पर कार्य करने वाले स्थानीय निवासी एक व्यक्ति के दिशा-निर्देशन में ही मलबा हटाने का कार्य चलता रहा।
त्यूनी में सड़क पर भारी मलबा आने की सूचना मिली है। अधिकारियों को मौके पर रवाना किया गया है। मलबा आने के कारणों की जांच करके लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-अनिल बिष्ट, सहायक अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड
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