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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : संवाद
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राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार अंब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट का ड्राफ्ट लेकर आई है। देशभर में करीब 18 राज्य इस ड्राफ्ट को अपने यहां लागू कर चुके हैं, लेकिन उत्तराखंड में ड्राफ्ट की औपचारिकताएं अभी विभागों की फाइलों में ही अटकी हैं।
देश के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में हर राज्य में अलग-अलग तरह की अड़चनें सामने आती हैं। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य और 70 प्रतिशत भूभाग में वन से घिरे होने के कारण यहां परेशानियां ज्यादा आती हैं। प्रदेश के लिए यह ड्राॅफ्ट फायदे का सौदा साबित हो सकता है, लेकिन यहां अभी तक इसकी औपचारिकताएं ही पूरी नहीं हो पाई हैं।
अभी तक प्रत्येक प्रोजेक्ट से पहले राज्य और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बीच अलग-अलग एग्रीमेंट किए जाते हैं। इस ड्राफ्ट का एग्रीमेंट होने के बाद बार-बार की यह औपचारिकता समाप्त हो जाएगी, लेकिन इसके लिए किसी भी राज्य को अपने यहां सभी लाइन विभागों की सहमति के साथ आपत्तियां और सुझाव लेना जरूरी है।
पत्र लिखकर शीघ्र अपने कमेंट देने का किया अनुरोध
उत्तराखंड में यह काम पूरा करने की जिम्मेदारी लोनिवि को सौंपी गई है। शासन स्तर पर इसके लिए बीते वर्ष अगस्त माह में ही राज्य में अंब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट लागू करने संबंधी ड्राफ्ट विभिन्न विभागों को भेज दिया गया था।
लेकिन, अभी तक गृह विभाग, ऊर्जा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, वन एवं पर्यावरण, शहरी विकास और पंचायती राज विभाग के सुझाव व आपत्तियां लोनिवि को प्राप्त नहीं हो पाई हैं। इस संबंध में सचिव लोनिवि की ओर से एक बार फिर ऐसे सभी विभागों को पत्र लिखकर शीघ्र अपने कमेंट देने का अनुरोध किया गया है।
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जब कोई एक परियोजना कई विभागों से संबंधित होती है, तो उस पर सभी विभागों की राय जरूरी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ अंब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट का ड्राफ्ट पर उत्तराखंड का भी एग्रीमेंट होना है, लेकिन अभी तक विभागों की राय नहीं मिल पाई। इस संबंध में सभी विभागों को शीघ्र अपने कमेंट देने के लिए कहा गया है। – डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव, लोनिवि
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