Uttarakhand: पुलिस लाइन से थानों को भी आवंटित किए जाएंगी बुलेट प्रूफ जैकेट, इस घटना पर मुख्यालय ने मानी गलती

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दबिश से पहले की तैयारी

– गिरफ्तारी से पहले अधिकारियों को तत्काल सूचित किया जाए। पुलिस को शॉर्ट रेंज और लॉन्ग रेंज हथियारों और बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ ही रवाना किया जाए।

– दबिश में कम से कम चार सदस्य शामिल हों। इनमें डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों का नेतृत्व जरूरत के हिसाब से हो।

– दबिश में रवाना होने से पहले असलाह और कारतूसों की दशा परखी जाय कि वह चल भी रहे हैं या नहीं।

– अपराधी कितना बड़ा है उससे संभावित खतरे के संबंध में उच्चाधिकारी टीम को ब्रीफ जरूर करें।

– गिरफ्तारी स्थल पर पहुंचने से पहले ही भौगोलिक स्थिति के अनुसार टास्क निर्धारित किया जाए।

– मोबाइल लोकेशन के लिए एसओजी, एसटीएफ से तकनीकी सहायता के लिए समन्वय किया जाए और वायरलेस सेट भी जरूर साथ में हो।

दबिश के दौरान होने वाली कार्रवाई

– अपराधी के हमला किए जाने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरती जाए। लीडर की सपोर्ट के लिए पूरी टीम तैयार रहे।

– आपराधिक इतिहास वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के वक्त जनपद प्रभारी हर वक्त उनके संपर्क में रहें।

– मौके पर टीम लीडर वास्तविक भौगोलिक स्थिति का आकलन करें ताकि एंट्री और एग्जिट प्वाइंट के साथ वहां से निकलने के लिए रास्ता भी बनाया जाए।

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दबिश के बाद की कार्रवाई

– सीआरपीसी व उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करें।

– घायल होने पर उच्चाधिकारियों को मेडिकल सहायता के लिए सूचित करें।

– आरोपी के भागने की सूरत में उसका पूरी दक्षता के साथ पीछा किया जाए।

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