Uttarakhand: प्रदेश में पांच जिलों में बनेंगे सगंध फसलों के सेटेलाइट केंद्र, किसानों को मिलेगी तकनीकी जानकारी

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Satellite centers for aromatic crops will be built in five districts Farmers get technical information

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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प्रदेश में सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिए पांच जिलों में सेटेलाइट केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए सगंध पौध केंद्र सेलाकुई की ओर से सेटेलाइट केंद्र की योजना बनाई जा रही है। इन केंद्रों के खुलने से पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को बीज, पौध के अलावा सगंध खेती की जानकारी लेने के लिए देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

राज्य में लगभग आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 21 हजार किसान सगंध फसलों की खेती कर रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के सामने जंगली जानवरों, बंदरों और सिंचाई की सुविधा न होना एक बड़ी समस्या है। बाजार में सगंध पौध से तैयार होने वाले तेल और इत्र की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार किसानों को एरोमा खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

अभी तक किसानों को सगंध खेती का प्रशिक्षण, बीज व पौध के लिए सगंध पौध केंद्र सेलाकुई आना पड़ता है। किसानों को जिला स्तर पर सुविधा देने के लिए सेटेलाइट केंद्र बनाए जाएंगे। चंपावत जिले के खतेड़ा में तेजपात, पिथौरागढ़ के बिसाड़ में तिमूर, उत्तरकाशी के रैथल में सुरई, चमोली के परसारी और अल्मोड़ा जिले के ताकुला में डेमस्क गुलाब का सेटेलाइट केंद्र खोला जाएगा।

 

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