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माल्टा
– फोटो : अमर उजाला
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सरकार जिस माल्टा के लिए आठ रुपये प्रति किलो से ज्यादा दाम देने के लिए तैयार नहीं है, वही बाजार में 60 से 80 रुपये तक बिक रहा है। ऐसे में बिचौलिये सरकारी समर्थन मूल्य से दो-चार रुपये ज्यादा देकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं और किसान खाली हाथ हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में किसानों का हक खुलेआम मारा जा रहा है लेकिन उनकी आय दोगुनी करने का दंभ भर रही सरकारी मशीनरी खामोश है। जिले में प्रतिवर्ष सैकड़ों क्विंटल माल्टा का उत्पादन होता है। सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए माल्टा की खरीद के लिए ए, बी और सी श्रेणी तय की थी। सरकार ने सिर्फ सी श्रेणी के माल्टा के लिए 8 रुपये प्रति किलो दाम तय किया था।
इसमें सरकारी खरीद केंद्र तक माल्टा को पहुंचाने का खर्च भी शामिल था। ऐसे में इन केंद्रों तक न काश्तकार पहुंचे और न सरकार की ओर से कोई पहल हुई। इन हालातों का बिचौलियों ने जमकर फायदा उठाया। उन्होंने दूर-दराज के गांवों में पहुंचकर 8 से 10 रुपय प्रति किलो के हिसाब से माल्टा खरीदा और बाजार 40 से 50 रुपये प्रति किलो में बेचा।
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