Uttarakhand: स्नातक स्तरीय और वन दरोगा समेत जिन भर्तियों के पेपर हुए लीक, उन पर 15 दिन में होगा फैसला

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– फोटो : pixabay

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उत्तराखंड में पेपर लीक का शिकार हुई स्नातक स्तरीय, वन दरोगा सहित ऐसी परीक्षाएं, जिनकी जांच एसटीएफ कर रही है उन पर निर्णय इसी महीने हो जाएगा। वहीं, सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऑडियो को आयोग ने फर्जी करार दिया है।

दरअसल, आयोग की सबसे पहले स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक सामने आया था। इसके बाद वन दरोगा, सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती के पेपर लीक भी पकड़ में आए। इनकी जांच एसटीएफ कर रही है, लेकिन अभी तक यह भर्तियां रद्द नहीं हुई हैं। उम्मीदवार लगातार मांग कर रहे कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए भर्तियां रद्द न की जाएं।

इस असमंजस के बीच भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आयोग अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से भेंट की। अध्यक्ष मर्तोलिया ने बताया कि एसटीएफ की जांच इन भर्तियों में काफी हद तक पूरी हो चुकी है। आंशिक जांच बची हुई है। जिनकी जांच एसटीएफ कर रही, उन पर ही आयोग पहले फैसला लेगा। बताया कि जितनी भी भर्तियां सवालों के घेरे में हैं, उन सब पर 15 दिन में फैसला हो जाएगा। 

ऑडियो फर्जी, निर्णय होता तो आयोग को पता होता
भाजपा नेता जुगरान ने आयोग अध्यक्ष मर्तोलिया को सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऑडियो की जानकारी दी। इसमें कहा जा रहा कि कुछ परीक्षाएं कार्मिक और न्याय विभाग ने रद्द कर दी हैं। इससे कई उम्मीदवार सदमे में हैं। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक अफवाह है। अगर ऐसा कोई निर्णय होता तो आयोग के संज्ञान में जरूर आता।

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उत्तराखंड में पेपर लीक का शिकार हुई स्नातक स्तरीय, वन दरोगा सहित ऐसी परीक्षाएं, जिनकी जांच एसटीएफ कर रही है उन पर निर्णय इसी महीने हो जाएगा। वहीं, सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऑडियो को आयोग ने फर्जी करार दिया है।

दरअसल, आयोग की सबसे पहले स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक सामने आया था। इसके बाद वन दरोगा, सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती के पेपर लीक भी पकड़ में आए। इनकी जांच एसटीएफ कर रही है, लेकिन अभी तक यह भर्तियां रद्द नहीं हुई हैं। उम्मीदवार लगातार मांग कर रहे कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए भर्तियां रद्द न की जाएं।

इस असमंजस के बीच भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आयोग अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से भेंट की। अध्यक्ष मर्तोलिया ने बताया कि एसटीएफ की जांच इन भर्तियों में काफी हद तक पूरी हो चुकी है। आंशिक जांच बची हुई है। जिनकी जांच एसटीएफ कर रही, उन पर ही आयोग पहले फैसला लेगा। बताया कि जितनी भी भर्तियां सवालों के घेरे में हैं, उन सब पर 15 दिन में फैसला हो जाएगा। 

ऑडियो फर्जी, निर्णय होता तो आयोग को पता होता

भाजपा नेता जुगरान ने आयोग अध्यक्ष मर्तोलिया को सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऑडियो की जानकारी दी। इसमें कहा जा रहा कि कुछ परीक्षाएं कार्मिक और न्याय विभाग ने रद्द कर दी हैं। इससे कई उम्मीदवार सदमे में हैं। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक अफवाह है। अगर ऐसा कोई निर्णय होता तो आयोग के संज्ञान में जरूर आता।



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