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वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और सीएम धामी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत बदलने के लिए धामी सरकार ग्राम्य विकास महायोजना लेकर आई है। बजट में इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत गांव स्तर पर आधारभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। शिक्षा, चिकित्सा, निर्बाध ऊर्जा, संचार व पेयजल, रोजगार या स्वरोजगार के अवसर की ग्रामीण स्तर पर ही उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए आगामी बजट में 25 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह से मेरा गांव मेरी सड़क योजना के लिए सात करोड़ और ग्रामीण व्यवसाय इन्क्यूबेटर के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वाह्य सहायतित ग्रामीण उद्यम वेगवृद्धि परियोजना के लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना के लिए बजट में रुपये पांच करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए बजट में समग्र रूप से 521.55 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट प्रावधान किया गया है।
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ग्रामीण युवाओं को दिया जाएगा व्यावसायिक प्रशिक्षण
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण गरीब परिवार के युवाओं को विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। चालू वित्तीय वर्ष में फरवरी तक कुल 7.552 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण किया गया जबकि 3,807 अभ्यर्थी प्रशिक्षणरत है।
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