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करन माहरा/ यशपाल आर्य
– फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि धामी सरकार की ओर से विधानसभा में प्रस्तुत 76 हजार 592 करोड़ का बजट उधार का बजट है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना निर्माण, रोजगार सजृृन आदि के लिए कुछ नहीं किया गया है।
आर्य ने कहा कि चिंता की बात यह है कि सरकार के बजट के अनुसार राज्य पर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक एक लाख 34 हजार 749 करोड़ रुपये की उधारी चढ़ जाएगी। वर्ष 2017 तक प्रदेश पर केवल 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और देनदारी थी। इसके बाद प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इस साल तक सरकार ने 99 हजार 749 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसलिए उत्तराखंड राज्य पर कर्ज उसके सालाना बजट के आकार से कहीं अधिक हो गया है।
कर्ज और देनदारी को कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीएसडीपी का 25 प्रतिशत तक रखने की राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) की सीमा को उत्तराखंड 2019-2020 में ही लांघ चुका है। इस वित्तीय वर्ष में यह 35 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। कर्ज में डूबे इस बजट से राज्य के युवाओं, किसानों और आम आदमी को कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
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