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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा
– फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
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वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच शुरू हुई बयानबाजी लगातार जारी है। एक साल से पार्टी संगठन की कमान संभाल रहे अध्यक्ष करन माहरा को पानी जब सिर के ऊपर से जाता हुआ दिखाई दिया तो उन्होंने बात हाईकमान तक पहुंचा दी। पार्टी हाईकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए बयानवीर नेताओं पर लगाम लगाने के लिए किसी वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजने का फैसला लिया है।
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पार्टी में वैसे तो विधानसभा चुनाव के बाद ही वरिष्ठ नेताओं के बीच हार के कारणों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था, लेकिन बीते कुछ दिनों से वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, तिलक राज बेहड़ और अन्य नेताओं की ओर से प्रदेश प्रभारी के साथ संगठन की कार्यप्रणाली को लेकर भी लगातार सवाल उठाए गए हैं। कई बार पार्टी में गुटबाजी देखने को मिलती रहती है। फिलहाल भी इसी तरह की गुटबाजी में कांग्रेस खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है।
जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को नाराजगी की वजह बताया जा रहा है। इससे पहले भी ब्लाक अध्यक्षों, पीसीसी सदस्यों और एआईसीसी सदस्यों की नियुक्ति के समय भी इसी तरह की नाराजगी सामने आ चुकी है। भाजपा ने हमेशा कांग्रेस की इस कमी का फायदा उठाते हुए उसे घेरा है।
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