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electricity bill
– फोटो : iStock
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बिजली दरों के साथ अब फ्यूल सरचार्ज तिमाही नहीं बल्कि हर महीने लगेगा। यूपीसीएल ने इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की है। याचिका पर नौ मई को जनसुनवाई होगी। दरअसल, एक्ट के हिसाब से विद्युत वितरण कंपनी को फ्यूल सरचार्ज को उपभोक्ताओं से वसूलने का अधिकार है।
इसके तहत यूपीसीएल को हर तीसरे महीने नियामक आयोग में याचिका दायर करनी पड़ती है। इस याचिका पर आयोग सुनवाई करने के बाद फ्यूल सरचार्ज की दर तय करता है। इस लंबी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यूपीसीएल ने एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि तिमाही के बजाए हर महीने सरचार्ज तय किया जाए।
हर महीने फ्यूल सरचार्ज बढ़ जाएगा
इसके लिए एक फार्मूला भी सुझाया गया है, जो कि देश के कई राज्यों में चल रहा है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि अगर आयोग इसकी अनुमति देता है तो इससे हर तीसरे महीने याचिका दायर करने की लंबी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। इसके बजाय स्वत: ही हर महीने फ्यूल सरचार्ज बढ़ जाएगा।
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क्या होता है फ्यूल सरचार्ज
इसमें आयोग फिक्स कॉस्ट के साथ ही वेरिएबल कॉस्ट के रूप में बिजली टैरिफ निर्धारित करता है। वेरिएबल कॉस्ट कोयला, डीजल व परिवहन के खर्च से तय होती रहती है, जिसकी वसूली उपभोक्ताओं से करने के निर्देश हैं। इसकी शुरुआत 2009 से की गई थी। इस फ्यूल सरचार्ज को हर तीन महीने में बदला जाता रहा है।
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