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अमर उजाला की ग्राउंड रिपोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग में डी-वाटरिंग के लिए सुरक्षात्मक कार्य पूरे कर लिए गए हैं। सुरक्षात्मक कार्य के तहत सुरंग के सिलक्यारा छोर से 150 से 200 मीटर तक होरिजेंटल स्ट्रैंथनिंग (क्षैतिज सुदृढ़ीकरण) का काम किया गया है। वहीं सुरंग धंसने जैसी आपात स्थिति से बचाव के लिए 80 से 203 मीटर तक 800 एमएम के ह्यूम पाइप डाले गए हैं। जिन्हें सीमेंटेड ब्लॉक से कवर गया है।
सिलक्यारा सुरंग हादसे के ढाई महीने बाद अमर उजाला ग्राउंड जीरों पर हालात जानने पहुंचा। इस दौरान पता चला कि सुरक्षात्मक कार्य पूरे कर लिए गए हैं। सुरंग निर्माण शुरू करने के लिए डी-वाटरिंग जरूरी है। जिसके लिए एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। एसडीआरएफ के जवान श्रमिकों के साथ उन्हीं पाइपों से अंदर जाएंगे, जिनसे हादसे के बाद फंसे मजदूर को बाहर निकल गया था।
इसके लिए सावधानी के साथ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि सिलक्यारा मुहाने से निर्माण शुरू होने में भी लंबा समय लगता है। क्योंकि डी-वाटरिंग के बाद भूस्खलन के दौरान आया मलबा हटाना चुनौती से कम नहीं होगा।
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