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बंगोट गांव निवासी विशाल
– फोटो : संवाद
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पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में 17 दिन तक फंसे रहने के बाद सुरक्षित बाहर निकले 20 वर्षीय विशाल को एम्स ऋषिकेश से छुट्टी मिल गई है। यहां उपचार के दौरान सभी टेस्ट सामान्य आए हैं। शुक्रवार शाम तक विशाल बल्ह घाटी के बंगोट गांव स्थित अपने घर पहुंच सकता है। घर में मां उर्मिला और दादी गरवधनू विशाल का बेसब्री से इंतजार कर रहीं हैं। बातचीत में विशाल ने बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उम्मीद है कि शुक्रवार शाम तक वह अपने परिजनों से दोबारा मिलेगा। घर वापस लौटने के बाद नौकरी के सवाल पर विशाल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर नौकरी नहीं मिली तो फिर से खतरों के बीच काम करना पड़ेगा।
वह शार्टकिट मशीन ऑपरेटर है और उसका काम टनल में होता है। ऐसे में रोजगार के लिए उसे फिर दोबारा उत्तराखंड जाना पड़ सकता है। उधर, परिजन बेटे को अब दोबारा टनल के भीतर काम करने के लिए भेजने को तैयार नहीं हैं। दादी ने साफ कहा है कि वह पोते को इस कार्य के लिए नहीं भेजेंगी। 17 दिन टनल में फंसे रहना और जीवित बाहर निकलना परमात्मा की मेहर है। बता दें कि 17 दिन तक टनल में फंसने के चलते विशाल को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, परिजन भी एक पल चैन की सांस नहीं ले पाए। लगातार बेटे की सलामती की दुआ करते रहे। विशाल के सुरक्षित बाहर निकलने पर दिवाली मनाई गई।
मां उतारेगी आरती, होगा विशेष आयोजन
मां उर्मिला ने बताया कि बेटे का इंतजार किया जा रहा है। फोन पर बातचीत हुई है और वह ठीक है। मां का दिल उसे अब देखकर ही तसल्ली करेगा। बेटे के सुरक्षित घर पहुंचने पर खास आयोजन होगा। देवता को बुलाने के अलावा डीजे समेत अन्य आयोजन का विचार था, लेकिन बारिश ने खलल डाला है। बेटे के आने पर उसकी आरती उतारकर उसकी रक्षा की कामना की जाएगी। यह 17 दिन बेटे की चिंता में बड़ी मुश्किल से काटे हैं।
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